

फीफा ने हैदराबाद में भारत की पहली लड़कियों की प्रतिभा अकादमी का उद्घाटन किया, जो देश भर की युवा प्रतिभाओं को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, शिक्षा और देखभाल प्रदान करेगी। एआईएफएफ और तेलंगाना सरकार के सहयोग से स्थापित यह अकादमी 60 खिलाड़ियों को साल भर आवासीय सुविधा के साथ संपूर्ण विकास का अवसर देगी।
प्रतिकात्मक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
Hyderabad: फीफा ने शनिवार को हैदराबाद के गाचीबोवली स्टेडियम परिसर में लड़कियों के लिए भारत की पहली टैलेंट अकादमी का उद्घाटन किया। इस पहल को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) और तेलंगाना सरकार का समर्थन प्राप्त है। यह अकादमी भारत भर से प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को चुनकर उन्हें उच्च स्तर का प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
इस अकादमी में कुल 60 खिलाड़ी शामिल होंगे, जिनमें 30 लड़कियां (अंडर-16 वर्ग) और 30 लड़के (अंडर-14 वर्ग) होंगे। इनमें से प्रत्येक वर्ग में तेलंगाना के 10 खिलाड़ी भी शामिल किए जाएंगे। सभी खिलाड़ियों को साल भर आवासीय सुविधा के साथ-साथ फुटबॉल का गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह अकादमी केवल खेल प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है। चयनित खिलाड़ियों को उच्च प्रदर्शन प्रशिक्षण के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य सहायता भी उपलब्ध कराई जाएगी। इसका उद्देश्य खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना है।
एआईएफएफ अध्यक्ष कल्याण चौबे ने इसे भारतीय फुटबॉल के लिए एक निर्णायक क्षण बताया। उन्होंने कहा, "लड़कियों के लिए भारत की पहली और लड़कों के लिए दूसरी फीफा टैलेंट अकादमी का शुभारंभ फुटबॉल में समानता और समग्र विकास की दिशा में बड़ा कदम है। यह फीफा की वैश्विक टैलेंट डेवलपमेंट योजना और ‘विज़न 2047’ के अंतर्गत युवा प्रतिभाओं को संवारने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।"
चौबे ने आगे कहा कि यह अकादमी न केवल बेहतरीन खिलाड़ी तैयार करेगी, बल्कि ऐसी पीढ़ी को प्रेरित करेगी जो भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने का सपना देख सके। यह भारत के लिए गर्व का दिन है और फीफा अंडर-17 पुरुष और महिला विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने की दिशा में मजबूत कदम है।
अकादमी का संचालन, तकनीकी ढांचा, और प्रशिक्षण पाठ्यक्रम एआईएफएफ और फीफा की देखरेख में रहेगा, जबकि बुनियादी ढांचे, शिक्षा और खिलाड़ी कल्याण की जिम्मेदारी तेलंगाना सरकार निभाएगी।
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने कहा, "यह अकादमी फुटबॉल में लड़कियों के लिए एक बड़ा बदलाव लाएगी। यह न केवल भारत में अपनी तरह की पहली है, बल्कि दुनिया में भी फीफा योजना के अंतर्गत चुनिंदा अकादमियों में से एक है। यह लड़कियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ने का स्पष्ट मार्ग देगी।"
इस अकादमी की स्थापना भारत में फुटबॉल को जमीनी स्तर से मजबूत और समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह एआईएफएफ के "विजन 2047" के अनुरूप देश को एक अग्रणी फुटबॉल राष्ट्र बनाने की दिशा में मदद करेगी।