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सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025-26 के फाइनल में ईशान किशन ने 10 छक्के और 6 चौकों की मदद से शतक लगाया, जिससे झारखंड ने हरियाणा को 69 रनों से हराया। उनके शानदार प्रदर्शन के बावजूद सवाल यह उठता है कि क्या BCCI जैसी युवा प्रतिभाओं को नजरअंदाज कर रही है।
ईशान किशन (Img: Internet)
Pune: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025-26 के फाइनल में झारखंड के कप्तान ईशान किशन ने बल्ले से कमाल कर दिया। उन्होंने 10 छक्के और 6 चौके की मदद से शतक जड़ा और अपनी टीम को हरियाणा के खिलाफ 69 रनों से जीत दिलाई। किशन का यह शतक केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरी टीम के लिए निर्णायक साबित हुआ। उनके आक्रामक खेल ने न केवल विपक्षी गेंदबाज़ों को परेशान किया, बल्कि फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स का ध्यान भी खींचा।
ईशान किशन की शतकीय पारी ने झारखंड को 263 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य देने में मदद की। इस लक्ष्य का पीछा करते हुए हरियाणा की टीम पावरप्ले में ही तीन विकेट खो बैठी और पूरी टीम केवल 193 रनों पर ऑल आउट हो गई। इस दौरान केवल यशवर्धन दलाल, सामंत जाखड़ और निशांत सिंधु ही कुछ समय तक टिक पाए। झारखंड के तेज़ गेंदबाज़ सुशांत मिश्रा और बाल कृष्णा ने तीन-तीन विकेट लिए, जबकि विकास सिंह और अनुकूल रॉय ने दो-दो विकेट हासिल किए।
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Congratulations to Jharkhand on winning their maiden Syed Mushtaq Ali Trophy 👏👏
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— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) December 18, 2025
ईशान किशन के इस शानदार प्रदर्शन के बाद एक बड़ा सवाल उठता है: क्या BCCI ऐसे प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ियों को नजरअंदाज करता रहेगा? किशन का फाइनल में शतक और पूरे टूर्नामेंट में लगातार प्रदर्शन उन्हें सीनियर टीम के लिए पूरी तरह योग्य बनाता है। युवा खिलाड़ी ने बार-बार साबित किया है कि वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ सकते हैं।
ईशान किशन जैसी प्रतिभाओं का प्रदर्शन केवल घरेलू क्रिकेट तक सीमित नहीं रहना चाहिए। BCCI को चाहिए कि वे ऐसे खिलाड़ियों को पर्याप्त अवसर दें। फैंस भी उम्मीद करते हैं कि किशन जैसे खिलाड़ियों को आगामी अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ और टी20 वर्ल्ड कप में मौका मिलेगा। युवा क्रिकेटर्स के लिए यह प्रेरणा भी बनेगा कि मेहनत और समर्पण से वह उच्चतम स्तर तक पहुँच सकते हैं।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी फाइनल ने स्पष्ट कर दिया है कि ईशान किशन न केवल घरेलू क्रिकेट में बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। उनके प्रदर्शन को नजरअंदाज करना BCCI के लिए बड़ी गलती साबित हो सकती है।