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सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025-26 का फाइनल झारखंड और हरियाणा के बीच खेला गया, जिसमें झारखंड ने 69 रनों से जीत दर्ज कर अपनी पहली ट्रॉफी अपने नाम की। कप्तान ईशान किशन के शतक और शानदार प्रदर्शन ने टीम को विजयी बनाने में मुख्य भूमिका निभाई।
झारखंड ने हरियाणा के खिलाफ SMAT जीता (Img: Internet)
Pune: सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025-26 का फाइनल गुरुवार, 18 दिसंबर को पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला गया। इस निर्णायक मुकाबले में झारखंड ने हरियाणा को 69 रनों से हराकर पहला खिताब अपने नाम किया। झारखंड ने हरियाणा को जीत के लिए 263 रनों का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य दिया, लेकिन हरियाणा की टीम 18.3 ओवर में सिर्फ 193 रन ही बना सकी और ऑल आउट हो गई।
यह झारखंड की सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में पहली जीत है। वहीं, हरियाणा भी अपना पहला फाइनल खेल रही थी, लेकिन चैंपियन बनने का सपना टूट गया। झारखंड की जीत का सबसे बड़ा श्रेय कप्तान ईशान किशन को जाता है, जिन्होंने टूर्नामेंट में सबसे ज़्यादा 517 रन बनाए और फाइनल में शानदार शतक लगाया।
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Congratulations to Jharkhand on winning their maiden Syed Mushtaq Ali Trophy 👏👏
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— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) December 18, 2025
यह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का 18वां एडिशन था। इस ट्रॉफी में सबसे ज़्यादा जीत का रिकॉर्ड तमिलनाडु के नाम है, जिन्होंने तीन बार खिताब जीता है और 2006-07 में टूर्नामेंट का पहला एडिशन भी अपने नाम किया। कर्नाटक, गुजरात, बड़ौदा और मुंबई ने दो-दो बार ट्रॉफी जीती है, जबकि उत्तर प्रदेश, ईस्ट ज़ोन, महाराष्ट्र, बंगाल, दिल्ली, पंजाब और झारखंड ने एक-एक बार खिताब अपने नाम किया है।
चेज़ की शुरुआत से ही हरियाणा के बल्लेबाजों को तेज़ रन बनाने की ज़रूरत थी। इसी दबाव में हरियाणा ने पावरप्ले में ही तीन विकेट खो दिए। इसके बाद टीम कभी भी जीत की राह पर नजर नहीं आई। केवल यशवर्धन दलाल (53 रन), सामंत जाखड़ (38 रन) और निशांत सिंधु (31 रन) ही क्रीज़ पर कुछ समय तक टिक पाए।
झारखंड की जीत में तेज़ गेंदबाज़ों का अहम योगदान रहा। सुशांत मिश्रा और बाल कृष्णा ने तीन-तीन विकेट लिए, जबकि विकास सिंह और अनुकूल रॉय ने दो-दो विकेट हासिल किए। गेंदबाज़ों की सामूहिक मेहनत ने हरियाणा की टीम को निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचने से रोक दिया।
फाइनल में ईशान किशन ने अपनी शानदार बल्लेबाज़ी से टीम को विजयी बनाने में मुख्य भूमिका निभाई। उनका शतक और पूरे टूर्नामेंट में उनका शानदार प्रदर्शन झारखंड की ट्रॉफी जीत में निर्णायक साबित हुआ।