

अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल ‘Ash Ki Baat’ पर कहा कि कुलदीप को “चौथे तेज गेंदबाज़” के रोल में शामिल किया जाना चाहिए था।
भारतीय क्रिकेट टीम और इंग्लैंड टीम के बीच चल रही पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में इंडिया 1‑2 से पीछे चल रही है। ऐसे में, पूर्व स्पिनर गेंदबाज़ और टीम इंडिया के दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन ने टीम मैनेजमेंट की आलोचना करते हुए कहा कि टीम प्रबंधन विशेष रूप से मुख्य कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल ने कुलदीप यादव को न सिर्फ इस मैच में मौका नहीं दिया, बल्कि पूरी सीरीज़ में भी नज़रअंदाज़ किया है, जो एक बड़ी चूक साबित हुई है।
अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल 'Ash Ki Baat' पर कहा कि कुलदीप को "चौथे तेज गेंदबाज़" के रोल में शामिल किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा, "सीरीज़ में आप 1‑2 से पीछे हैं। आपके हाथ में जो कार्ड्स हैं, उन्हें खेलिए। कुलदीप एक मजबूत कार्ड हैं, उन्हें मौका दीजिए।"
प्लेयर ने आगे कहा, “अगर कोई मुझसे कहता कि पहले चार टेस्ट में कुलदीप यादव को कोई मौका नहीं मिलेगा, तो मैं बहुत हैरान होता। इसलिए टीम प्रबंधन को उनके साथ स्पष्ट व्यवहार करना चाहिए था।”
अश्विन ने यह तुलना की कि यदि दूसरे लोअर ऑर्डर बल्लेबाज़ जैसे वॉशिंगटन सुंदर या रविंद्र जड़ेजा को शामिल किया जा रहा है, तो कुलदीप को छोड़ देना समझ से परे था, खासकर जब गेंदबाज़ी में पैक्ड लाइन‑अप की आवश्यकता थी।
अश्विन ने टीम की बल्लेबाजी-लेस रणनीति की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक “20–30 रन” जोड़ने के चक्कर में विकेट लेने की प्राथमिकता को नज़रअंदाज कर देना, अब आधुनिक टेस्ट क्रिकेट में चलने वाला तरीका नहीं है। उन्होंने कहा, “यदि आपका नंबर 7-बल्लेबाज 30 और नंबर 8 बल्लेबाज 30 रन बनाता है, यह तरीका पहले काम आता था; पर अब विकेट लेना कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गया है।”
उनकी राय में, मेनचेस्टर टेस्ट में भारत ने गेंदबाज़ी में कमी के साथ अपनी रणनीति को कमजोर किया। आपकी इस पर क्या राय है? हमें बताइए।