

अगर कोई भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहता है तो उसे सावन के महीने में उनकी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज पर
नई दिल्ली: अगर कोई भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करना चाहता है तो उसे सावन के महीने में उनकी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से सुख, समृद्धि और मनचाहा फल मिलता है।
कहते हैं कि माता पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए इस महीने कठोर तपस्या की थी, जिससे शिव प्रसन्न हुए और शिवजी ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप विशेष फलदायी होता है और इससे जीवन के कष्टों और दुखों से मुक्ति मिलती है।
सावन सोमवार का महत्व
सावन के महीने में आने वाले सोमवार का धार्मिक महत्व बहुत अधिक होता है। इस दिन शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इसी वजह से भक्त सावन के सोमवार का बेसब्री से इंतजार करते हैं। इस पावन महीने में शिव भक्त विशेष रूप से रुद्राभिषेक करते हैं और गंगा जल से अभिषेक करते हैं।
सावन का महीना भगवान शिव का सबसे प्रिय समय माना जाता है। मान्यता है कि इस महीने में जो भक्त पूरी श्रद्धा से शिव की पूजा करते हैं उनकी हर मनोकामना पूरी होती है।
इस महीने में भक्त कांवड़ यात्रा करते हैं और गंगाजल लाकर भोलेनाथ का अभिषेक करते हैं।
सावन 2025 की तिथियां
2025 में सावन महीना 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को कुल चार सोमवार के साथ समाप्त होगा। सावन का समापन रक्षाबंधन के त्योहार के साथ होगा, जो इस बार 9 अगस्त को आएगा।
शुभ योग और शिववास योग
इस बार सावन के पहले दिन एक खास "शिववास योग" बन रहा है, जिसमें शिव माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर विराजमान होंगे।
सावन के सोमवार की तिथियां:
पहला सोमवार—14 जुलाई 2025
दूसरा सोमवार—21 जुलाई 2025
तीसरा सोमवार—28 जुलाई 2025
चौथा सोमवार—4 अगस्त 2025
वसंत ऋतु का धार्मिक और पौराणिक महत्व
सावन सोमवार व्रत से न केवल मनचाहा जीवनसाथी मिलता है बल्कि चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है और राहु-केतु के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।
मंगलवार का महत्व और मंगला गौरी व्रत
जिस तरह भगवान शिव को सावन प्रिय है, उसी तरह यह महीना देवी पार्वती को भी बहुत प्रिय है। मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखने से अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है और देवी पार्वती की विशेष कृपा बनी रहती है।