

हमारे शरीर में विटामिन D कैसे धूप से बनता है, इसका वैज्ञानिक आधार क्या है और क्यों यह विटामिन हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। आईयें आज इन सभी सवालों के जवाब हम आपको देते है।
धूप से कैसे बनता है शरीर में विटामिन D
New Delhi: विटामिन D हमारे शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है जो हड्डियों की मजबूती, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने और कई बीमारियों से बचाव में मदद करता है। यह विटामिन कुछ खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, लेकिन सबसे प्रभावशाली और प्राकृतिक स्रोत है धूप।
जब सूरज की किरणें हमारी त्वचा पर पड़ती हैं, तो एक जैविक प्रक्रिया शुरू होती है जो शरीर में विटामिन D का निर्माण करती है। यह प्रक्रिया वैज्ञानिक रूप से जानी जाती है "फोटोबायोसिंथेसिस" के नाम से।
कैसे बनता है विटामिन D?
हमारी त्वचा में एक प्रकार का कोलेस्ट्रॉल होता है जिसे 7-डिहाइड्रोकॉलेस्ट्रॉल कहा जाता है। जब यह त्वचा पर सूरज की UV-B किरणों के संपर्क में आता है, तो यह विटामिन D3 (कोलेकैल्सिफेरोल) में बदल जाता है। इसके बाद यह यकृत (लिवर) और गुर्दे (किडनी) में जाकर सक्रिय विटामिन D (कैल्सिट्रिऑल) में परिवर्तित होता है, जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को नियंत्रित करता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
कितनी धूप है जरूरी?
विशेषज्ञों के अनुसार, सप्ताह में 3 से 4 बार 15–30 मिनट की धूप, विशेष रूप से सुबह 8 बजे से 11 बजे तक की धूप, शरीर के लिए पर्याप्त होती है। त्वचा का रंग, उम्र और शरीर का हिस्सा जो धूप में आता है, यह सभी कारक विटामिन D के निर्माण पर असर डालते हैं। गहरे रंग की त्वचा में यह प्रक्रिया थोड़ी धीमी होती है क्योंकि मेलानिन UV-B किरणों को अवशोषित कर लेता है।
विटामिन D की कमी के लक्षण
यदि शरीर में विटामिन D की कमी हो जाती है, तो निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं:
बचाव और उपाय
यदि धूप लेना संभव न हो तो डॉक्टर की सलाह से विटामिन D सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं। साथ ही, अंडे की जर्दी, मशरूम, फोर्टिफाइड दूध, और मछली जैसे खाद्य पदार्थों में भी विटामिन D पाया जाता है।