

गूगल मैप के बताये रास्ते पर चलना एक परिवार के लिए घातक हो गया। गूगल मैप की लोकेशन गाड़ी को बनास नदी की 3 साल से बंद पुलिया पर ले गई।
गूगल मैप ने दिया धोखा
चित्तौडग़ढ़: राजस्थान के चित्तौडग़ढ़ में एक वैन को गूगल मैप पर रास्ता देखना भारी पड़ गया। मैप के सहारे यात्रा कर रही वैन तीन साल से बंद पुलिया पर जा पहुंची। पुलिया पार करने के दौरान वैन पुलिया पर मौजूद गड्ढे में फंस गई और बहाव तेज होने की वजह से नदी बह गई। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई और एक बच्चा लापता हो गया।
मृतकों की पहचान चंदा (21), उसकी बेटी रुतवी, ममता (25) और उसकी बेटी खुशी (4) के रूप में हुई है।
जानकारी के अनुसार वैन में एक ही परिवार के लोग सवार थे। वैन में सवार परिवार भीलवाड़ा जिले में एक धार्मिक स्थल के दर्शन कर घर लौट रहा था। वैन चालक ने रास्ता खोजने के लिए ‘गूगल मैप’ का इस्तेमाल किया, जो उन्हें बनास नदी पर बने एक ऐसे पुल की ओर ले गया जो लंबे समय से बंद था।
ऐसी फंसी वैन
चालक ने नदी पार करने की कोशिश की कार पुल पर फंस गई और नदी के तेज बहाव में बहने लगी। वैन में सवार लोग खिड़की तोड़कर उसकी छत पर चढ़ गए और उनमें से एक ने अपने रिश्तेदार को फोन किया, जिसने घटना की सूचना पुलिस को दी।
गूगल मैप ने दिया धोखा
चित्तौड़गढ़ के पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि बनास नदी में उफान के कारण नदी पार करने वाले सभी रास्ते बंद थे लेकिन यह परिवार ऐसे ही एक बंद पुल को लांघकर सोमी-उपरेड़ा पुलिया पर चला गया, जो कुछ महीनों से बंद थी।
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उन्होंने बताया कि जैसे ही चालक ने नदी पार करने की कोशिश की कार पुल पर फंस गई और नदी के तेज बहाव में बहने लगी। अधिकारी ने बताया, “वैन में सवार लोग खिड़की तोड़कर उसकी छत पर चढ़ गए और उनमें से एक ने अपने रिश्तेदार को फोन किया, जिसने घटना की सूचना पुलिस को दी।”
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परिवार के सदस्य अपने मोबाइल टॉर्च से बचाव दल को इशारा करते रहे। हालांकि, जब तक पुलिसकर्मी फंसे परिवार तक पहुंचे दो महिलाएं और दो बच्चे बह चुके थे।
पुलिस ने बताया कि वैन चालक ने रास्ता खोजने के लिए ‘गूगल मैप’ का इस्तेमाल किया, जो उन्हें बनास नदी पर बने एक ऐसे पुल की ओर ले गया जो लंबे समय से बंद था।