

रविवार का दिन BITS Pilani के छात्र-छात्राओं के लिए कई मायनों में यादगार रहा। इस दिन स्कूल के दीक्षांत समारोह में कई खास बातें देखने को मिलीं। पूरी खबर:
समारोह में डॉ चंद्रचूड़ को स्मृति चिन्ह भेंट करते कुमार मंगलम बिड़ला
पिलानी (झुंझुनू): विज्ञान और इंजीनियरिंग के छात्रों के सामने आज दोहरी जिम्मेदारियाँ हैं—तकनीकी दक्षता हासिल करने के साथ-साथ एक सशक्त नागरिक बनने की। असली इंजीनियरिंग वही है, जो तकनीक को समावेशन, न्याय और गरिमा का माध्यम बनाए खासकर उन लोगों के लिए जो अब तक हाशिये पर रहे हैं।
यह बात देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डॉ. डी. वाई. चंद्रचूड़ ने रविवार को बिट्स पिलानी (BITS Pilani) में आयोजित दीक्षांत समारोह को बतौर मुख्य अतिथि समारोह को संबोधित करते हुए कही।
दीक्षांत समारोह में फैकल्टी मैंबर्स से मिलते डा डीवाई चंद्रचूड़
छात्र-छात्राओं से खचाखच भरे हाल को संबोधित करते हुए डॉ. चंद्रचूड़ ने कहा, “हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जो पूरी तरह विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर निर्भर है, लेकिन जहाँ अधिकांश लोगों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी की कोई जानकारी नहीं है। यही अज्ञानता तकनीक को एकतरफा शक्ति बना देती है, जिसमें जनता की भागीदारी सीमित हो जाती है। इस खाई को पाटना आज की सबसे जरूरी सामाजिक जिम्मेदारी है।”
उन्होंने यह भी कहा कि हर प्रकार की शक्ति की तरह, तकनीक में भी लोगों को जोड़ने या अलग करने, शामिल करने या बाहर रखने की ताकत होती है।
मंच पर मौजूद कुमार मंगलम बिड़ला और डा डीवाई चंद्रचूड़
बिट्स पिलानी के कुलाधिपति और देश के जाने-माने उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने BITS पिलानी में 2,200 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की। इस निवेश के तहत संस्थान की कुल क्षमता बढ़ाई जाएगी, अत्याधुनिक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) केंद्र स्थापित किए जाएंगे और एक नया एडटेक प्लेटफॉर्म ‘BITS Pilani Digital’ लॉन्च किया जाएगा।
पिलानी में सरस्वती मंदिर भी गये पूर्व सीजेआई डा चंद्रचूड़
उन्होंने यह भी बताया कि समूह आंध्र प्रदेश के अमरावती में एक नया एआई कैंपस स्थापित करेगा, साथ ही पिलानी, हैदराबाद और गोवा स्थित मौजूदा परिसरों के बुनियादी ढांचे का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
समूह ने “प्रोजेक्ट विस्तार” के तहत 1,200 करोड़ रुपये की पहल शुरू की है, जिसका उद्देश्य तीनों परिसरों का विस्तार और आधुनिकीकरण करना है। इस परियोजना के अंतर्गत नए रिसर्च ब्लॉक, छात्रावास और फैकल्टी हाउसिंग की भी योजना बनाई गई है। अगले पाँच वर्षों में छात्रों की क्षमता मौजूदा 18,700 से बढ़ाकर 26,000 तक की जाएगी।
केएम बिड़ला के साथ बिट्स पिलानी कैंपस विजिट करते डा चंद्रचूड़
समारोह से पहले डॉ. चंद्रचूड़ और बिड़ला ने सरस्वती मंदिर, पिलानी का भी दौरा किया। इस मंदिर की खास बात यह है कि इसकी बाहरी दीवारों पर धार्मिक महापुरुषों के साथ-साथ दार्शनिकों, वैज्ञानिकों, राष्ट्रीय और वैश्विक नेताओं की मूर्तियाँ भी उकेरी गई हैं।
कार्यक्रम के दौरान संस्थान के समर्पित ऑनलाइन शिक्षा प्लेटफॉर्म ‘BITS Pilani Digital’ का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर समूह के कुलपति प्रो. रामगोपाल राव, निदेशक प्रो. सुधीर कुमार सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।