

भीलवाड़ा में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर के नेतृत्व में किसानों के लिए फसल मुआवजा जन अधिकार आंदोलन शुरू हुआ। किसान जिला कलेक्ट्रेट पर अपनी मांगों को लेकर रात्रि 9 बजे तक डटे रहे।
भीलवाड़ा में जन अधिकार आंदोलन शुरू
Bhilwara: कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और किसान नेता धीरज गुर्जर ने फसल मुआवजा जन अधिकार आंदोलन की शुरुआत कर किसानों के हक की लड़ाई को मजबूती दी। यह आंदोलन अहिंसा सर्किल स्थित खटीक छात्रावास में आयोजित सभा से शुरू हुआ, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी और बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए। सभा के बाद कांग्रेस नेताओं और किसानों ने कलेक्ट्री की ओर पदयात्रा निकाली।
सांगानेरी गेट, रामस्नेही अस्पताल, श्री गेस्ट हाउस चौराहा, भीमगंज थाना, गोल प्याऊ चौराहा होते हुए रैली रेलवे स्टेशन पहुंची, जहां डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद सभी लोग जिला कलेक्ट्रेट पहुंचे और किसानों के फसल मुआवजे सहित शहर के सीवरेज संकट जैसी समस्याओं को लेकर ज्ञापन जिला कलेक्टर को सौंपा गया।
कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर ने निकाली रैली
सभा में कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, सांसद प्रत्याशी प्रहलाद गुंजल, रघुवीर मीणा, जिलाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी, किशन चौधरी, नरेंद्र रेगर समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। सभी नेताओं ने किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त की और उनकी समस्याओं को गंभीरता से हल करने का आग्रह किया।
धीरज गुर्जर ने सभा के दौरान यह भी संकेत दिया कि अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गईं तो वे जिला कलेक्ट्रेट पर रात्रि भर डटे रहने को मजबूर होंगे। इससे प्रशासन और सतर्क हो गया। उनके इस तेवर से स्पष्ट हो गया कि यह आंदोलन केवल एक दिन का प्रदर्शन नहीं, बल्कि लगातार संघर्ष की शुरुआत है।
रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर
धीरज गुर्जर को किसानों और मजदूरों का सच्चा प्रतिनिधि माना जाता है। वे जमीन से जुड़े नेता हैं जो हमेशा आमजन की आवाज उठाते रहे हैं। विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने कई बड़े आंदोलन किए हैं, जिनसे किसानों और गरीब वर्ग को राहत मिली है।
1-जिले में हुई अतिवृष्टि से खराब फसलों की घोषणा कर किसानों को तुरंत मुआवजा दिलाना।
2-पंचायत स्तर पर न्यायालय आदेशों की सख्ती से पालना सुनिश्चित करना।
3-पंचायत परिसीमन में जनता की भावनाओं का सम्मान करना।
4-विद्यालयों के जर्जर भवन और शौचालयों की मरम्मत कर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
5-भीलवाड़ा शहर में सीवरेज और सड़क निर्माण कार्यों से हो रही अव्यवस्था को दूर करना।
किसानों की भारी संख्या में उपस्थिति से यह आंदोलन काफी प्रभावशाली साबित हुआ। वे धीरज गुर्जर के नेतृत्व में जिला कलेक्ट्रेट पर रात करीब 9 बजे तक डटे रहे। देर रात करीब 9:30 बजे प्रशासन ने किसानों की पांच सूत्रीय मांगों पर सहमति जताई, जिससे आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया।