

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक मकबरे में तोड़फोड़ का मामला सामने आया, जिसे लेकर विधानसभा में हंगामा मच गया। समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडेय ने सरकार पर आरोप लगाया कि यह घटना सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश है। पांडेय ने कहा कि बीजेपी सरकार जानबूझकर मुस्लिम समुदाय के स्थलों पर हमले करवा रही है। हालांकि, सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मामले में किसी भी सरकारी भूमिका से इंकार करते हुए कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
यूपी विधानसभा
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में सोमवार को एक मकबरे में तोड़फोड़ का मामला सामने आया, जिसने राज्य में एक बार फिर सांप्रदायिक तनाव को बढ़ा दिया। घटना को लेकर विधानसभा में भी बहस छिड़ गई, जब नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सरकार से जवाब मांगते हुए इसे गंभीर आरोपों का मामला बताया।
नेता प्रतिपक्ष का आरोप
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने यूपी विधानसभा में यह मुद्दा उठाया और सरकार पर आरोप लगाया कि यह घटना सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की साजिश के तहत की गई। पांडेय ने कहा, “यह एक परिपाटी बन चुकी है, जहां मुस्लिम मदरसों और मकबरों पर तोड़फोड़ की जाती है, जिससे समाज में तनाव पैदा हो और एक पक्षीय राजनीति को बढ़ावा मिले। यह बीजेपी सरकार का इरादा है कि शांति व्यवस्था को बाधित किया जाए।" उन्होंने यह भी बताया कि फतेहपुर में एक पार्टी के नेता ने मकबरे पर कब्जे का ऐलान किया था और 7 दिन पहले ही इस घटना का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि पुलिस ने बैरिकेडिंग की, लेकिन जब स्थिति बिगड़ी, तो पुलिस की कमी नजर आई। पांडेय ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मामले को ठीक से संभाला नहीं और लोगों ने धक्का-मुक्की करते हुए मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ की।
सुरेश खन्ना का जवाब
संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने मामले का जवाब देते हुए कहा कि इस घटना से सरकार का कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि क्राइम नंबर 319 के तहत कोतवाली फतेहपुर में रिपोर्ट दर्ज की गई और 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। खन्ना ने इस बात का खंडन किया कि इस घटना में सरकार की कोई भूमिका थी। उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने कानून को हाथ में लेने की कोशिश की है, उनके खिलाफ पूरी तरह से कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप
इस घटना को लेकर राज्य में राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। समाजवादी पार्टी और बीजेपी के नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। पांडेय ने बीजेपी सरकार पर सांप्रदायिक माहौल बनाने का आरोप लगाया, वहीं खन्ना ने सरकार की ओर से सभी कानूनी प्रक्रियाओं के पालन का दावा किया।
पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस मामले के बाद, फतेहपुर में प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। अगर पुलिस और प्रशासन समय रहते कार्रवाई करते, तो क्या स्थिति ऐसी बनती? क्या पुलिस को घटनास्थल पर पर्याप्त बल तैनात करना चाहिए था? इन सवालों का जवाब राज्य की सरकार और प्रशासन को देना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को टाला जा सके।