

लोकसभा चुनाव में कथित वोट चोरी और साजिश के खिलाफ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा दिल्ली में किए गए प्रदर्शन के दौरान हुई गिरफ्तारी के बाद पूरे उत्तर प्रदेश में सपा कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश देखने को मिला। देवरिया जनपद मुख्यालय पर सपा कार्यकर्ताओं ने सिविल लाइन रोड पर जोरदार प्रदर्शन किया और रोड जाम कर दिया। यह विरोध प्रदर्शन पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह उर्फ खोखा सिंह के नेतृत्व में हुआ।
अखिलेश यादव की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन
Deoria News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सोमवार को दिल्ली में गिरफ्तारी के बाद प्रदेशभर में सपा कार्यकर्ताओं में गुस्सा फूट पड़ा। देवरिया जनपद में कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। अखिलेश यादव ने यह प्रदर्शन वोट चोरी के खिलाफ और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए किया था।
दिल्ली में चुनाव आयोग के खिलाफ प्रदर्शन
अखिलेश यादव सोमवार को दिल्ली स्थित चुनाव आयोग कार्यालय की ओर कूच कर रहे थे। उनका आरोप था कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर वोटों की चोरी हुई है और चुनाव आयोग ने निष्पक्ष भूमिका नहीं निभाई। लेकिन जैसे ही वे आयोग के पास पहुंचे, दिल्ली पुलिस ने उन्हें रास्ते में बैरिकेडिंग लगाकर रोक लिया और हिरासत में ले लिया।
देवरिया में सपा कार्यकर्ताओं ने किया चक्का जाम
अखिलेश यादव की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही देवरिया में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। सिविल लाइन रोड पर पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह उर्फ खोखा सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और बीच सड़क पर बैठकर रोड जाम कर दिया। कार्यकर्ता "लोकतंत्र की हत्या बंद करो", "अखिलेश यादव को रिहा करो", "वोट चोरी नहीं सहेंगे" जैसे नारे लगा रहे थे।
प्रशासन रहा सतर्क, यातायात हुआ प्रभावित
प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचा और प्रदर्शनकारियों को शांत कराने की कोशिश की। हालांकि, प्रदर्शन शांतिपूर्ण था लेकिन सिविल लाइन रोड पर यातायात कुछ समय के लिए ठप रहा। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया ताकि किसी भी प्रकार की कानून-व्यवस्था की समस्या न हो।
पूर्व विधायक खोखा सिंह ने क्या कहा
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा, “हमारी पार्टी लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है। अखिलेश यादव की गिरफ्तारी पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। यह सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी पीछे हटने वाली नहीं है।”
राजनीतिक माहौल गरमाया
इस घटना के बाद देवरिया समेत कई जिलों में समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किए। भाजपा और सपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। सपा का कहना है कि यह केंद्र सरकार की तानाशाही है, जबकि भाजपा इसे केवल राजनीतिक स्टंट बता रही है।