

भारत में फ्यूल का भविष्य अब बायो-एथेनॉल की ओर बढ़ रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एनडीटीवी के शिखर सम्मेलन में साफ़ किया कि सरकार की ई20 योजना देश को जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता से मुक्त करने की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि एथेनॉल न केवल पेट्रोल का विकल्प है, बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। हालांकि, ई20 फ्यूल को लेकर कार मालिकों में असंतोष है, खासकर पुराने वाहनों के इंजन पर इसके प्रभाव को लेकर। फिर भी सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।
नितिन गडकरी का बड़ा दावा
New Delhi: देश में पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता घटाने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने की दिशा में सरकार बायो-एथेनॉल को भविष्य का ईंधन मान रही है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को एनडीटीवी शिखर सम्मेलन में कहा कि “फ्यूचर का फ्यूल 100 प्रतिशत बायो-एथेनॉल होगा।” गडकरी का यह बयान उस समय आया जब सरकार की E20 योजना को लेकर जनता के बीच कुछ असंतोष उभर कर सामने आया है। ई20 योजना के अंतर्गत 2025-26 तक भारत में बिकने वाले सभी पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
एथेनॉल से प्रदूषण में आई कमी
गडकरी ने कहा, “एथेनॉल के उपयोग से प्रदूषण में गिरावट आई है। यह न केवल कार्बन उत्सर्जन को घटाने का उपाय है, बल्कि आयातित तेल पर निर्भरता भी कम करेगा।” उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और यहां वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है। भारत के बाद केवल अमेरिका और चीन ही ऐसे देश हैं, जहां प्रति व्यक्ति वाहन संख्या अधिक है।
E20 योजना और उसका असर
सरकार की E20 योजना दरअसल एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोलियम (EBP) कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसका मकसद है तेल आयात घटाना और क्लीन फ्यूल सुनिश्चित करना।
• 2022-23 में एथेनॉल ब्लेंडिंग का औसत स्तर 12.06% था
• 2023-24 में यह 14.6% पहुंचा
• फरवरी 2025 तक यह 19.6% हो चुका है
• अब सरकार का लक्ष्य है कि यह जल्द ही 20% को पार कर जाए
कार मालिकों में गहराता असंतोष
हालांकि, इस नीति को लेकर पुराने वाहनों के मालिकों में चिंता है। उनका कहना है कि एथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल उनके इंजनों को नुकसान पहुंचा सकता है, क्योंकि कई वाहन इसके लिए डिज़ाइन नहीं हैं। एक कार मालिक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि अगर मेरे वाहन को एथेनॉल की वजह से कोई नुकसान होता है, तो मैं पेट्रोलियम मंत्रालय के अधिकारियों को कोर्ट में घसीटूंगा। कई वाहन मालिकों का कहना है कि यह बदलाव बिना तैयारी और विकल्प के जबरन थोपा जा रहा है।
सरकार की सफाई और भरोसा
सरकार की ओर से कहा गया है कि अधिकतर नए वाहन एथेनॉल-ब्लेंडिंग के लिए डिज़ाइन किए गए हैं और पुराने वाहनों पर इसका सीमित प्रभाव पड़ेगा। वहीं, गडकरी बार-बार देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते रहे हैं।