

तेजस्वी यादव की ‘बिहार अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत माता पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। भाजपा ने तीखा विरोध करते हुए एफआईआर दर्ज कराई है। राजद ने इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताया है।
तेजस्वी यादव पर मुकदमा दर्ज
Patna: बिहार की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव की 'बिहार अधिकार यात्रा' के दौरान दिए गए बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है। आरोप है कि वैशाली में हुई एक जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की गई, जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आक्रोशित है।
शिकायतकर्ता कृष्ण सिंह कल्लू ने कहा कि यह बयानबाजी बिहार की सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार से मंच से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी स्वर्गीय माता पर अभद्र टिप्पणियां कीं, वह एक शर्मनाक कृत्य है। साथ ही सभा में उपस्थित लोगों द्वारा आरएसएस के खिलाफ उग्र और अपमानजनक नारे लगाए गए। यह सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया ताकि समाज में वैमनस्य फैलाया जा सके।
तेजस्वी यादव पर मुकदमा दर्ज
दूसरी ओर, राजद ने इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा की साजिश करार दिया है। पार्टी के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि तेजस्वी यादव की 'बिहार अधिकार यात्रा' को जनता का भारी समर्थन मिल रहा है, जिससे भाजपा घबरा गई है। उन्होंने कहा, “यात्रा में तेजस्वी जी बेरोजगारी, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार जैसे जन सरोकार के मुद्दे उठा रहे हैं, जिन पर भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है। इसलिए भाजपा अब साजिश और कुचक्र रचने में लगी है।”
हालांकि, इस पूरे विवाद पर तेजस्वी यादव की ओर से अब तक कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। उनकी चुप्पी को लेकर भाजपा नेताओं ने उन्हें कटघरे में खड़ा करते हुए कहा है कि अगर वे निर्दोष हैं तो खुलकर अपनी बात रखें। भाजपा ने यह भी मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
इस मामले को लेकर बिहार की सियासत में हलचल के बीच यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि विपक्षी दल तेजस्वी यादव के समर्थन में एकजुट हो सकते हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा इस विवाद के माध्यम से विपक्ष की एकजुटता को तोड़ने का प्रयास कर रही है। वहीं दूसरी तरफ, राजद इस विवाद को जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बता रही है।