

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इरफान सोलंकी के खिलाफ चल रहे मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। रंगदारी और जमीन कब्जा करने के आरोप लगाए गए थे। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगले आदेश तक कार्यवाही पर आदेश जारी किया।
इरफान सोलंकी को हाईकोर्ट से मिली राहत
Kanpur: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीसामऊ विधानसभा से पूर्व विधायक रहे इरफान सोलंकी को बड़ी राहत देते हुए उनके खिलाफ चल रहे मुकदमे की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। यह मामला रंगदारी और जमीन कब्जा करने के आरोपों से जुड़ा हुआ है, जिसमें इरफान सोलंकी के साथ कई अन्य आरोपियों का नाम भी शामिल है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति समीर जैन की एकल पीठ ने ट्रायल कोर्ट में चल रहे मुकदमे की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी। मामले में इरफान सोलंकी पर आरोप है कि उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर एक व्यक्ति की जमीन पर कब्जा किया और उसे धमकी दी।
विमल कुमार का आरोप था कि उनकी जाजमऊ स्थित आराजी संख्या 963 की जमीन पर इरफान सोलंकी और उनके साथियों ने जबरन कब्जा कर लिया था। आरोप के अनुसार, जमीन का रकबा लगभग 1000 वर्ग मीटर था और इन लोगों ने इसके कब्जे को लेकर झूठा दावा किया कि यह आराजी संख्या 48 का हिस्सा है।
इरफान सोलंकी के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने दलील दी कि वादी द्वारा जिन जमीनों पर कब्जे का आरोप लगाया गया है, वे जमीनें वादी की नहीं हैं। वादी और जमीन के मूल मालिक के बीच एक सिविल मुकदमा चल रहा है। उनका कहना था कि यह मुकदमा राजनीतिक रंजिश के तहत दर्ज कराया गया है, ताकि इरफान सोलंकी को फंसाया जा सके। उपेंद्र उपाध्याय ने यह भी कहा कि वादी ने केवल राजनीतिक कारणों से सोलंकी के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया और यह सब पूरी तरह से बिना किसी ठोस आधार के किया गया।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद इरफान सोलंकी और उनके सहयोगियों के खिलाफ चल रही ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की सुनवाई में आगे की कार्यवाही से पहले कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों की जांच की आवश्यकता है।