

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का आरोप है कि 2014 तक, अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के 5-6 साल को छोड़ दें, तो कांग्रेस सरकार या तो केजीबी या सीआईए द्वारा चलाई जा रही थी।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे का कांग्रेस सांसदों पर रूसी फंडिंग लेने का आरोप
नई दिल्ली: भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सरकारों पर कमोबेश केजीबी या सीआईए के दबाव में काम करने का आरोप लगाया है। दुबे 2011 में सीआईए द्वारा जारी की गई 'डायरियों' के अवर्गीकृत गुप्त दस्तावेज़ों का ज़िक्र करते हुए कांग्रेस सरकार पर कई आरोप लगाये।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने बताया कि निशिकांत दुबे ने एक्स पर एक ट्वीट में मंगलवार को लिखा है, "सीआईए और मित्रोखिन की डायरियों में उल्लेख है कि दिवंगत कांग्रेस नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से ज़्यादा कांग्रेस सांसदों को सोवियत रूस ने फ़ंड किया था। इसमें यह भी उल्लेख है कि रूस ने अपनी इच्छा के अनुसार कुल 16,000 न्यूज़ आर्टिकल प्रकाशित किए थे..."
ट्वीट में बीजेपी सांसद ने कांग्रेस नेता सुभद्रा जोशी का नाम लिया है, जिन्हें जर्मन सरकार का समर्थन प्राप्त था।
दुबे ने कहा "...कांग्रेस उम्मीदवार सुभद्रा जोशी ने 1977-80 में चुनाव के नाम पर जर्मन सरकार से 5 लाख रुपए लिए और उसके बाद वे इंडो-जर्मन फ़ोरम की अध्यक्ष बन गईं। अगर आप देखें तो ऐसा लगता है कि गांधी परिवार के नेतृत्व में हमारा देश सोवियत रूस को बेच दिया गया था।"
CIA का पैसा कांग्रेस के पास
आयरन लेडी इंदिरा गांधी जी ने आयरन पिघलने के बाद यानि शिमला समझौते में पाकिस्तान के आगे सरेंडर करने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन को पत्र के जबाब के ज़रिए सम्बन्ध बनाने का आग्रह किया
1. अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और किशिंगर का फ़ोन वार्तालाप जिसमें… pic.twitter.com/kIUdQxCsmd— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) July 1, 2025
दुबे ने 10 मई 1979 को राज्यसभा में हुई चर्चा का हवाला देते हुए आगे लिखा, "...10 मई 1979 को राज्यसभा में एक चर्चा हुई थी, अमेरिकी राजदूत मोइनिहान द्वारा लिखी गई किताब में उल्लेख है कि उन्होंने इंदिरा गांधी को दो बार पैसे दिए, इस पर राज्यसभा में पूरी बहस हुई और मैंने निक्सन और किसिंजर के बीच फोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया है, जिसमें वे पैसे देने, कांग्रेस को कैसे मैनेज किया जा सकता है, सरकार को कैसे मैनेज किया जा सकता है, इस बारे में बात कर रहे हैं।"
निशकांत दुबे ने अपने ट्वीट में मनमोहन सिंह की सरकार का भी जिक्र किया और लिखा, "...जब 2004 में मनमोहन सिंह की सरकार बनी थी, तब रॉ के संयुक्त निदेशक रवींद्र सिंह को भेज दिया गया था और आज तक उनका कोई अता-पता नहीं है..."
भाजपा सांसद ने अंत में लिखा, "यह सब दिखाता है कि 2014 तक, अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के 5-6 साल को छोड़ दें, तो यह सरकार या तो केजीबी या सीआईए द्वारा चलाई जा रही थी और कांग्रेस और पूरा गांधी परिवार इन दोनों एजेंसियों की कठपुतली था और यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण था..."