

बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने ईसी से आग्रह किया है कि विधानसभा चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाएँ और बुर्का पहनकर आने वाली महिलाओं के चेहरे का EPIC से मिलान हो। उन्होंने अर्धसैनिक बलों की तैनाती और घुड़सवार सेना की मांग भी की।
बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल
Patna: बिहार के बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने शनिवार को चुनाव आयोग (EC) से महत्वपूर्ण मांगें रखी। उन्होंने सुझाव दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाएँ। इसके अलावा, उन्होंने यह प्रस्ताव रखा कि बुर्का पहनकर मतदान करने वाली महिलाओं का चेहरा उनके मतदाता पहचान पत्र (EPIC) से मिलाया जाना चाहिए, ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही मतदान कर सकें।
1. चुनाव चरणसंख्या: कई चरणों में बाँटने की बजाय एक या दो चरणों में चुनाव कराना बेहतर होगा।
2. चेहरा EPIC मिलान: बुर्का पहनने वाली महिलाओं के चेहरे का मिलान उनके EPIC से जरूरी होना चाहिए।
3. सुरक्षा उपाय: बूथ कैप्चरिंग व धमकियाँ मिलने वाले इलाकों में अर्धसैनिक बलों और घुड़सवार सुरक्षा बल की तैनाती।
4. फ्लैग मार्च: मतदाताओं में विश्वास बढ़ाने के लिए चुनाव से पहले फ्लैग मार्च।
5. निर्णायक गांवों में उपाय: अति पिछड़े और विशिष्ट आबादी वाले गांवों में चुनाव से पहले सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना।
चुनाव आयोग
बैठक में चुनाव आयोग ने दलों को निर्देश दिए कि मतदान समाप्ति के बाद मतदान एजेंटों को फॉर्म 17C अवश्य लेना चाहिए और बूथ छोड़ने से पहले इसे पीठासीन अधिकारी से ले लेना चाहिए। कई बार एजेंट फॉर्म लिए बिना बूथ छोड़ देते हैं, जिससे विवाद उत्पन्न होते हैं।
बीजेपी की मांगों के बीच जेडीयू ने भी एक ही चरण में मतदान कराने की अपील की है। जदयू ने महाराष्ट्र मॉडल का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ 288 सीटों वाला विधानसभा चुनाव एक चरण में हुआ था, जबकि बिहार में 243 सीटें हैं। जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने कहा कि चुनाव आयोग से यह अनुरोध किया गया है कि छठ और दीपावली जैसे त्योहारों को ध्यान में रखकर चुनाव कार्यक्रम तय किया जाए, जिससे माइग्रेंट वोटर आसानी से मतदान कर सकें।
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चुनाव आयोग ने बिहार के अधिकांश प्रमुख दलों को बुलाकर बैठक की। इसमें BJP, JDU, RJD, कांग्रेस, बसपा, CPI(M), CPI(ML) लिबरेशन, AAP, LJP, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी सहित अन्य दल शामिल हुए। सभी दलों ने इस बात पर सहमति जताई कि चुनाव छठ के तुरंत बाद कराए जाएँ और संभव हो तो कम से कम चरणों में पूरी प्रक्रिया हो।
1. एक या दो चरणों में चुनाव- संपूर्ण राज्य को सीमित समय में कवर करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
2. चेहरा EPIC मिलान- बुर्का पहनने वाली महिलाओं के अधिकारों और निजता के लिहाज से यह विवादित हो सकता है।
3. सुरक्षा व्यवस्था- बूथ अधिग्रहण और डर-धमकी की घटनाओं से बचाने के लिए पर्याप्त बलों की तैनाती जरूरी है।
4. समय निर्धारण- त्योहारों और प्रवासी मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव तिथियाँ तय करना संवेदनशील विषय है।
5. प्रत्येक दल की सहमति- मांगों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए सभी दलों का सहयोग अनिवार्य है।
यदि चुनाव एक या दो चरणों में होते हैं, तो संसाधन और सुरक्षा बलों को केंद्रीकृत किया जा सकेगा, जिससे नियंत्रण आसान होगा। लेकिन, इससे प्रचार की अवधि और भाजपा, जेडीयू आदि दलों को तैयार रहने की चुनौतियाँ बढ़ सकती हैं। चेहरा EPIC मिलान की मांग भाजपा की सुरक्षा धारणा को उजागर करती है, लेकिन यह निजता और धर्मनिरपेक्षता पर बहस खड़ी कर सकती है।