

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी अंतिम चरण में है। सीईसी ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयोग की टीम राज्य के दौरे पर है। शनिवार को सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ बैठक हुई, जिसमें दलों ने अपनी मांगें और सुझाव चुनाव आयोग को प्रस्तुत किए।
RJD ने चुनाव आयोग को लेकर कही ये बड़ी बात
Patna: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। चुनाव आयोग के चीफ इलेक्शन कमीश्नर (सीईसी) ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयोग की टीम राज्य के विभिन्न इलाकों का दौरा कर रही है। इसी कड़ी में शनिवार को राज्य के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी दलों ने अपनी-अपनी मांगें और सुझाव चुनाव आयोग के सामने रखे।
बैठक में चुनाव के चरणों को लेकर दलों के बीच मतभेद स्पष्ट रूप से नजर आए। जेडीयू ने एक चरण में चुनाव कराने की मांग की, जबकि भाजपा और राजद ने चुनाव दो चरणों में कराने की डिमांड की। राजद की ओर से सांसद अभय कुशवाहा समेत कई वरिष्ठ नेता बैठक में शामिल हुए और उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी दो फेज में चुनाव कराने की ही मांग कर रही है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि चुनाव छठ पूजा के बाद कराए जाएं क्योंकि समय सीमित है।
बैठक में फाइनल वोटर लिस्ट में लगभग 3 लाख 66 हजार लोगों के नाम कटने की बात भी उठी। राजद ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि इन कटे हुए नामों की एक अलग सूची बनाई जाए और राजनीतिक दलों को भी इसकी एक कॉपी उपलब्ध कराई जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। साथ ही, संवेदनशील बूथों पर विशेष सतर्कता बरतने की मांग की गई ताकि किसी भी तरह से मतदाताओं को मतदान से वंचित न किया जा सके।
बिहार चुनाव
राजद सांसद अभय कुशवाहा ने चुनाव प्रचार के दौरान अमर्यादित भाषा और टीका-टिप्पणी पर चुनाव आयोग द्वारा सख्त निर्देश जारी करने की भी मांग की। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि हर पोलिंग बूथ पर वोटिंग के बाद फॉर्म 17-सी की कंप्यूटराइज्ड कॉपी हर पोलिंग एजेंट को दी जाती है, तो उसकी एक कॉपी हर प्रत्याशी को भी उपलब्ध कराई जाए ताकि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
बैठक में भाजपा द्वारा बुर्का पहनकर वोट देने वाली महिलाओं की पहचान के लिए महिला अधिकारी द्वारा फोटो मिलान की मांग भी उठाई गई। इस पर राजद सांसद अभय कुशवाहा ने कहा कि नई वोटर सूची तो रंगीन फोटो के साथ है, ऐसे में पहचान की यह मांग राजनीतिक साजिश के समान है। राजद ने इस मांग को चुनाव प्रक्रिया में बाधा डालने वाला करार दिया।
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग के बीच विभिन्न मांगों और सुझावों को लेकर चल रही बातचीत चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है। चुनाव आयोग इन सभी मांगों पर विचार कर चुनाव को शांति और सुचारू रूप से संपन्न कराने की पूरी कोशिश कर रहा है।