

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। बरेली की स्थिति जानने जा रहे सपा प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने रोक दिया, जिस पर उन्होंने सरकार की कार्यशैली को तानाशाही करार दिया।
अखिलेश यादव
Lucknow: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि “लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज दबाना बेहद शर्मनाक है।” उन्होंने कहा कि बरेली जा रहे सपा के प्रतिनिधिमंडल को पुलिस द्वारा रोकना भाजपा सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति का उदाहरण है।
“भाजपा सरकार विफलता छुपाने के लिए तानाशाही कर रही है”
अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि भाजपा सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, “सरकार को डर है कि अगर सच्चाई सामने आ गई तो जनता का गुस्सा फूट पड़ेगा, इसलिए सपा के नेताओं को रास्ते में रोक दिया गया।”
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सपा प्रतिनिधिमंडल को रोका गया
दरअसल, हाल ही में बरेली में हुई अशांति की घटनाओं की जांच के लिए सपा अध्यक्ष ने राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय की अगुवाई में एक 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की घोषणा की थी। लेकिन शनिवार को जब यह दल रवाना हुआ तो पुलिस ने जगह-जगह उन्हें रोक दिया। प्रतिनिधिमंडल में सांसद हरेंद्र मलिक, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, मोहिब्बुल्लाह नदवी, नीरज मौर्य, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह यादव, प्रवीण सिंह ऐरन, बरेली जिलाध्यक्ष शिवचरन कश्यप, महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, विधायक शहजिल इस्लाम अंसारी, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार और प्रदेश सचिव शुभलेश यादव शामिल थे।
“प्रशासन ने निषेधाज्ञा का बहाना बनाया”
सपा नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने बरेली में निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देकर उन्हें रोका, जबकि उनका उद्देश्य केवल डीआईजी और कमिश्नर से मुलाकात कर शांति बहाली पर चर्चा करना था। अखिलेश यादव ने कहा, “सत्ता के इशारे पर पुलिस लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोंट रही है। यह वही सरकार है जो संवाद की जगह दमन को प्राथमिकता देती है।”
“घर के बाहर तैनात की गई पुलिस”
नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने बताया कि शनिवार सुबह उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। पीजीआई थाने के दरोगा ने उन्हें सूचित किया कि वे घर से बाहर नहीं निकल सकते। पांडेय ने कहा कि “बरेली के डीएम का पत्र मिला है, जिसमें कहा गया कि हमारे वहां जाने से माहौल बिगड़ सकता है। यह सरासर लोकतंत्र का अपमान है।”
“बरेली में अन्याय और अवैध गिरफ्तारियां”
माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक घटना के बाद प्रशासनिक कार्रवाई एकतरफा और अन्यायपूर्ण रही है। उन्होंने कहा, “एक व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है, लेकिन गिरफ्तारी चार लोगों की होती है। कुछ लोगों के घर गिराने की तैयारी की जा रही है। वहां का एक समुदाय भयभीत है।”
“पुलिस ने खुद बिगाड़ा माहौल”
सपा नेताओं का आरोप है कि बरेली में दो समुदायों के बीच टकराव की स्थिति नहीं थी, बल्कि पुलिस की कार्रवाई से माहौल बिगड़ा। विधायक अताउर्रहमान ने कहा, “हम बरेली जाकर सच्चाई जानना चाहते थे, लेकिन रास्ते में कई थानों की पुलिस लगा दी गई। सरकार को डर है कि सच्चाई सामने आएगी।”
अखिलेश ने दी चेतावनी
अखिलेश यादव ने चेतावनी दी कि यदि विपक्ष को इस तरह रोका गया तो सपा सड़क से लेकर सदन तक आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में विपक्ष की आवाज दबाकर सरकार कभी सफल नहीं हो सकती। जनता सब कुछ देख रही है और समय आने पर जवाब देगी।”