

वोटों की हेराफेरी के आरोपों के बीच इंडिया गठबंधन के करीब 300 सांसद आज संसद से निर्वाचन सदन तक मार्च करेंगे। विपक्षी सांसद सुबह 11:30 बजे संसद भवन स्थित मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए निर्वाचन सदन (चुनाव आयोग) तक मार्च करेंगे।
इंडिया अलायंस का हल्ला बोल
नई दिल्ली: चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप के बाद सियासत तेज हो गई है। इंडिया अलायंस ने भाजपा और चुनाव आयोग पर हल्ला बोला है।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अध्यक्षता में इंडिया ब्लॉक के सांसद, सोमवार को संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग के दफ्तर तक पैदल मार्च करेंगे।
इस दौरान विपक्षी सांसद मतदाता सूची के विशेष गहन पुनीरक्षण (एसआईआर) के जरिए कथित तौर पर 'वोट चोरी' का विरोध करेंगे। सांसद सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए मार्च करेंगे.
इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी सहित 300 लोकसभा और राज्यसभा के सांसद शामिल होने वाले हैं।
विपक्ष का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है। उसका यह भी कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं के हित के बजाय अहित कर रहा है।
एसआईआर के चलते राज्य से लाखों की संख्या में मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इसमें मामले में सदन में लगातार चर्चा की मांग के साथ इसे वापस लेने की मांग कर रहा है।
फेसबुक पर पोस्ट करते हुए राहुल ने कहा कि चुनाव आयोग उनके सवाल को दबा रहे हैं। विपक्ष ने 'वोट चोरी' पकड़कर लोकतंत्र को बनाए रखने का कर्तव्य निभाया है लेकिन चुनाव आयोग और मोदी सरकार सवालों को दबा रही है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को ग्वालियर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि सभी बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) एक ही कमरे में 'फर्जी फॉर्म' भर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी ने ऐसे तथ्य सामने रखे हैं, जिन्हें कोई नकार नहीं सकता।
एक ही व्यक्ति का नाम कई जगहों पर, मतदान केंद्रों सहित दिखाई देता है। राहुल गांधी की मांग मतदाता सूची के इलेक्ट्रॉनिक डेटा की है, जिसे हम सॉफ्टवेयर की मदद से स्कैन करके यह पता लगा सकते हैं कि एक ही EPIC नंबर पर कितने वोट पड़े हैं।
बिहार में एसआईआर क्यों हो रहा है? 2003 में इसका गहन परीक्षण किया गया था, जिसमें बिहार में 2 साल लगे थे, लेकिन इस बार वे इसे 1 महीने में करना चाहते हैं।'