हिंदी
राष्ट्रीय संविधान दिवस 2025 भारत के संविधान की ऐतिहासिक यात्रा और उसकी विशिष्टताओं को याद करने का अवसर है। दुनिया का सबसे विस्तृत लिखित संविधान होने के साथ-साथ यह कला, संस्कृति, लोकतंत्र और विविधता का अद्भुत संगम है। हस्तलिखित मूल प्रतियों से लेकर 22 ऐतिहासिक चित्रों तक, संविधान कई अनोखे पहलुओं से भरा है। 9 भाषाओं में जारी हो रहे अनुवाद इसके व्यापक प्रभाव और समावेशिता को दर्शाते हैं।


राष्ट्रीय संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है, जब भारत के संविधान को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया था। यह दिन देश की लोकतांत्रिक यात्रा और नागरिकों की भूमिका को सम्मान देने का अवसर है। (Img-Google)



भारत का संविधान दुनिया का सबसे विस्तृत लिखित संविधान माना जाता है। इसके शुरुआती संस्करण में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां शामिल थीं। (Img-Google)



संविधान का मसौदा करीब तीन साल तक चली बहसों और चर्चाओं के बाद तैयार हुआ। इन बहसों को सुनने के लिए लगभग 53,000 नागरिकों ने उपस्थित होकर प्रक्रिया को ऐतिहासिक बना दिया। (Img-Google)



संविधान की मूल प्रतियां अंग्रेजी और हिंदी में हाथ से सुंदर कलिग्राफी में लिखी गई थीं। इसे शांति निकेतन के कलाकारों ने नंदलाल बोस के निर्देशन में सजाया था। (Img-Google)



इन मूल प्रतियों को आज संसद पुस्तकालय में विशेष नाइट्रोजन भरे केसों में सुरक्षित रखा गया है। यह व्यवस्था उन्हें आने वाली पीढ़ियों तक संरक्षित रखने के लिए की गई है। (Img-Google)



संविधान के प्रत्येक अध्याय की शुरुआत भारत के इतिहास से जुड़ी एक अनोखी कलाकृति से होती है। कुल 22 चित्र भारत की सभ्यता को सिंधु घाटी से लेकर स्वतंत्रता संग्राम तक दर्शाते हैं। (Img-Google)



9 भाषाओं में संविधान के अनुवाद संस्करण जारी किए जा रहे हैं, जिससे अधिक से अधिक लोग इसे समझ सकें। यह कदम देश की भाषाई विविधता और समावेशिता का सुंदर उदाहरण है। (Img-Google)
