देश में कहाँ होते हैं सबसे ज्यादा क्राइम? कितने नंबर पर है यूपी-बिहार?

जब भी देश में अपराध की बात होती है, तो सबसे पहले दो राज्यों के नाम गूंजते हैं  उत्तर प्रदेश और बिहार। सोशल मीडिया से लेकर टीवी डिबेट तक, इन राज्यों को अपराध के गढ़ के रूप में पेश किया जाता है। लेकिन क्या यह धारणा वास्तव में तथ्यों पर आधारित है या केवल एक पहले से सोची समझी सभी की अलग-अलग विचार धारा? 

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 9 July 2025, 2:40 PM IST
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New Delhi: जब भी देश में अपराध की बात होती है, तो सबसे पहले दो राज्यों के नाम गूंजते हैं  उत्तर प्रदेश और बिहार। सोशल मीडिया से लेकर टीवी डिबेट तक, इन राज्यों को अपराध के गढ़ के रूप में पेश किया जाता है। लेकिन क्या यह धारणा वास्तव में तथ्यों पर आधारित है या केवल एक पहले से सोची समझी सभी की अलग-अलग विचार धारा?

NCRB की रिपोर्ट ने खोले आंकड़ों के राज

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,  राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) द्वारा दिसंबर 2023 में जारी ‘Crime in India 2022’ रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक 7,03,944 आपराधिक मामले दर्ज हुए थे जो कि देश में दर्ज कुल अपराधों का 19.8% हिस्सा था। ये आंकड़े देखने में भले ही चौंकाने वाले लगें, लेकिन जब इन्हें क्राइम रेट यानी प्रति 1 लाख आबादी पर अपराध के हिसाब से देखा जाए, तो तस्वीर बिल्कुल अलग निकलकर आती है।

उत्तर प्रदेश: सबसे ज्यादा केस, लेकिन 20वें नंबर का क्राइम रेट

क्राइम रेट: 422.2 (राष्ट्रीय औसत: 422.2)

  • अपराधों की कुल संख्या: सबसे अधिक
  • महिलाओं के खिलाफ अपराध: 65,743 केस, लेकिन रेट राष्ट्रीय औसत से कम (58.6 बनाम 66.4)
  • हत्या: 3,491 केस, तीसरे स्थान पर

यह स्पष्ट करता है कि यूपी में अपराध की संख्या अधिक इसलिए है क्योंकि यह देश का सबसे बड़ा राज्य है । करीब 24 करोड़ की आबादी। इसलिए यहां केस की संख्या अधिक है, लेकिन हर व्यक्ति के हिस्से में आने वाला अपराध औसतन देश के बराबर ही है।

बिहार: अपराध का ‘गढ़’ नहीं, बल्कि कम क्राइम रेट वाला राज्य

  • कुल अपराध: 3,47,835 (देश में 7वें नंबर पर)
  • क्राइम रेट: 326.9 (राष्ट्रीय औसत से कम)
  • हत्या: 2,930 केस — देश में दूसरे नंबर पर

हालांकि हत्या के मामलों में बिहार ऊंचे पायदान पर है, लेकिन कुल क्राइम रेट में यूपी से बेहतर स्थिति में है। यहां पर पुलिस बल की भारी कमी (1.19 लाख पद खाली) और ग्रामीण क्षेत्रों की कठिन भौगोलिक स्थितियां अपराध नियंत्रण में बड़ी चुनौती हैं। और कहां है सबसे ज्यादा खतरा?

दिल्ली: क्राइम रेट — 1,783.6 प्रति लाख (सबसे असुरक्षित शहर)

  • केरल: क्राइम रेट — 661
  • महाराष्ट्र: क्राइम रेट — 465.7
  • नागालैंड: सबसे सुरक्षित राज्य — क्राइम रेट 149.5
  • कोलकाता: सबसे सुरक्षित शहर — क्राइम रेट 103.4

छोटे राज्यों या शहरों में क्राइम रेट अधिक दिखता है क्योंकि आबादी कम है, और कुल केस थोड़े भी हों तो प्रति व्यक्ति दर ऊंची हो जाती है।

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जनता की सोच बनाम आंकड़ों की सच्चाई

उत्तर प्रदेश और बिहार को लेकर बनी "अपराध प्रधान" छवि जमीनी आंकड़ों से मेल नहीं खाती। ये राज्य अपनी बड़ी आबादी के चलते मीडिया में ज्यादा सुर्खियों में रहते हैं, लेकिन आंकड़ों के हिसाब से दिल्ली, केरल जैसे राज्यों और शहरों में क्राइम रेट कहीं ज्यादा है।

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