Uttarakhand: नैनीताल में नंदा देवी महोत्सव की धूम, कदली वृक्षों का विधि विधान से हुआ पूजन

नैनीताल के ज्योलीकोट के पास चोपड़ा गांव में भी शुक्रवार को भक्ति और परंपरा का अनोखा संगम देखने को मिला। गांव से कदली वृक्ष ले जाने की परंपरा पूरे उल्लास और भजनों के बीच संपन्न हुई।

Nainital: उत्तराखंड की सरोवर नगरी नैनीताल एक बार फिर भक्ति, संस्कृति और परंपरा की अनुपम छटा से सराबोर हो रही है। श्री राम सेवक सभा की ओर से आयोजित 123वें नौ दिवसीय श्री मां नंदा देवी महोत्सव की शुरुआत धार्मिक उल्लास के साथ हुई। शुक्रवार को ज्योलीकोट के पास चोपड़ा गांव से कदली वृक्षों को परंपरागत विधि विधान के साथ नैनीताल लाया गया।

चंदन सिंह जीना के घर से निकाले गए इन कदली वृक्षों का पूरे मार्ग में श्रद्धालुओं ने जयकारों और भक्ति भाव से स्वागत किया। नगर में जगह जगह कदली पूजन हुआ और माहौल भक्तिमय हो गया।

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शाम को कदली वृक्षों को मां नयना देवी मंदिर परिसर में स्थापित कर विशेष पूजा अर्चना की गई। शनिवार को इन्हीं वृक्षों से मां नंदा और सुनंदा की प्रतिमाओं का निर्माण शुरू होगा।

नैनीताल में नन्दा देवी महोत्सव का आगाज

गांव में कदली पूजन पंडित भगवती प्रसाद जोशी ने कराया। इस दौरान प्रकृति प्रेमी यशपाल रावत द्वारा दिए गए 21 पौधों का रोपण भी परंपरा के तहत किया गया। इसके बाद वाहन से कदली वृक्षों को सूखाताल लाया गया जहां आदर्श रामलीला कमेटी और मातृशक्ति समूह ने पारंपरिक स्वागत किया।

कदली को कंधे पर उठाकर पहुंचे मंदिर

प्रसाद वितरण के बाद श्रद्धालु कदली को कंधे पर उठाकर माल रोड और तल्लीताल बाजार से होते हुए मां वैष्णो देवी मंदिर पहुंचे। वहां भी पूजन के बाद बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे जुलूस के साथ नयना देवी मंदिर पहुंचे। यहां आचार्य जोशी ने पुनः पूजन कराया और लोक कलाकार चंद्र प्रकाश साह ने मूर्ति निर्माण की शुरुआत की।

इस धार्मिक आयोजन में विधायक सरिता आर्या सहित कई जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। आयोजन स्थल पर आस्था और उत्साह का अद्भुत संगम दिखाई दिया।

भक्ति और परंपरा का अनोखा संगम

ज्योलीकोट के पास चोपड़ा गांव में भी शुक्रवार को भक्ति और परंपरा का अनोखा संगम देखने को मिला। गांव से कदली वृक्ष ले जाने की परंपरा पूरे उल्लास और भजनों के बीच संपन्न हुई। रातभर जागरण हुआ और मां नंदा सुनंदा के भजनों से वातावरण गुंजायमान रहा।

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इस वर्ष कदली वृक्ष चंदन सिंह जीना के घर से नैनीताल के लिए विदा किए गए। ग्रामीणों ने श्रद्धालुओं के स्वागत में विशेष इंतजाम किए। ग्राम प्रधान गीता जीना और गांव के अन्य लोगों की मौजूदगी में श्रद्धालुओं का दल बेहद भावुक नजर आया और मां के जयकारों के बीच पूरा इलाका आस्था में डूबा रहा।

 

 

 

 

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