

सोनभद्र में यूरिया की कालाबाजारी के वायरल वीडियो पर कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने दुकान और गोदाम को सील कर दिया है। दुकान मालिक फरार है और किसान को धमकियां मिल रही हैं। अधिकारी ने जल्द सफाई न देने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
प्रशासन ने दुकान और गोदाम को किया सील
Sonbhadra: जिले के करमा विकासखंड अंतर्गत मधुपुर क्षेत्र में खाद की कालाबाजारी का एक वीडियो वायरल होने के बाद प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए संबंधित दुकान और गोदाम को सील कर दिया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उत्कर्ष द्विवेदी के नेतृत्व में कृषि विभाग और प्रशासन की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर यह कार्रवाई की।
वीडियो में आरोप था कि एक दुकान पर किसानों से यूरिया खाद की अधिक कीमत वसूली जा रही थी। वायरल वीडियो को संज्ञान में लेते हुए प्रशासन हरकत में आया और मौके पर पहुंचकर जांच की। जब टीम मौके पर पहुंची तो दुकान बंद थी और मालिक फरार था। ऐसे में दुकान और गोदाम को सील कर दिया गया।
कालाबाजारी में लिप्त दुकानदार फरार
जानकारी के अनुसार, खाद की किल्लत से जूझ रहे किसानों में इस कालाबाजारी को लेकर काफी आक्रोश है। वायरल वीडियो एक किसान ने ही बनाया था, जो अब कथित तौर पर लगातार धमकियों का सामना कर रहा है। इससे क्षेत्र में भय का माहौल है और किसानों में रोष है।
स्थानीय किसानों ने मांग की है कि ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए, बीज भंडार का लाइसेंस तत्काल रद्द किया जाए और संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
एसडीएम सदर ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि वायरल वीडियो में यूरिया की ऊंचे दामों पर बिक्री दिखाई गई थी। संज्ञान लेते हुए जब टीम मौके पर पहुंची, तो दुकानदार दुकान और गोदाम बंद करके फरार हो चुका था। दुकान के बाहर एक पर्ची चस्पा मिली, जिसमें लिखा था कि दुकान 3 दिनों के लिए बंद है।
प्रशासन ने दुकानदार को अंतिम चेतावनी दी है कि वह जल्द से जल्द सामने आकर स्पष्टीकरण दे, अन्यथा उसके विरुद्ध कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उत्कर्ष द्विवेदी ने कहा कि किसान हित सर्वोपरि है और खाद की ब्लैक मार्केटिंग किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रशासन की इस कार्रवाई से क्षेत्रीय किसानों ने राहत की सांस ली है। अधिकारी किसानों से अपील कर रहे हैं कि यदि कहीं भी इस प्रकार की कालाबाजारी की सूचना मिले तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। जांच टीम में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट उत्कर्ष द्विवेदी, कृषि अधिकारी वीरेंद्र सिंह, एसडीएम सदर और अन्य अधिकारी शामिल रहे।