बिना रजिस्ट्रेशन इलाज जारी! फरेंदा में स्वास्थ्य से खिलवाड़ या सिस्टम की मिलीभगत?

फरेंदा कस्बे में की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। कुछ ही समय पूर्व जिस भवन में संचालित मार्डन अपोलो हॉस्पिटल को लापरवाही और नियमों के उल्लंघन के चलते सील किया गया था, उसी स्थान पर अब न्यू सिटी हॉस्पिटल नाम से एक नया निजी अस्पताल धड़ल्ले से संचालित हो रहा है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 14 July 2025, 2:06 PM IST
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Pharenda (Maharajganj):  फरेंदा कस्बे में की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। कुछ ही समय पूर्व जिस भवन में संचालित मार्डन अपोलो हॉस्पिटल को लापरवाही और नियमों के उल्लंघन के चलते सील किया गया था, उसी स्थान पर अब न्यू सिटी हॉस्पिटल नाम से एक नया निजी अस्पताल धड़ल्ले से संचालित हो रहा है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस अस्पताल के पास न तो वैध रजिस्ट्रेशन है, न ही चिकित्सा संचालन के लिए आवश्यक कोई सरकारी स्वीकृति। इसके बावजूद यह अस्पताल खुलेआम मरीजों का इलाज कर रहा है।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले भी इसी स्थान पर संचालित मार्डन अपोलो हॉस्पिटल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक जच्चा-बच्चा की मौत हो गई थी, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल को सील कर दिया था। परंतु कुछ ही सप्ताह बाद उसी स्थान पर "न्यू सिटी हॉस्पिटल" के नाम से नया बोर्ड लगाकर अस्पताल पुनः शुरू कर दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल का केवल नाम बदला गया है जबकि प्रबंधन, स्टाफ और कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

हैरत की बात यह है कि इस नए अस्पताल के पास न सीएमओ कार्यालय से अनुमति है, न अग्निशमन विभाग की एनओसी, न ही बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की व्यवस्था या लाइसेंस प्राप्त पैथोलॉजी। इसके बावजूद अस्पताल में न केवल ओपीडी चलाई जा रही है, बल्कि दवाइयां भी वितरित की जा रही हैं और सर्जरी जैसे गंभीर कार्य भी हो रहे हैं। यह सब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में होते हुए हो रहा है, जिससे विभाग की भूमिका पर भी संदेह खड़ा हो रहा है।

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स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने की बात कही है। लोगों का कहना है कि यह न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मरीजों की जान के साथ गंभीर खिलवाड़ भी है। मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ. श्रीकांत शुक्ला ने मीडिया को बताया कि "न्यू सिटी हॉस्पिटल" के नाम से किसी संस्थान का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है और इस मामले में जल्द जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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