

महराजगंज के निचलौल क्षेत्र में एक विशालकाय घायल अजगर को उसके प्राकृतिक आवास में सकुशल छोड़ दिया गया। अजगर के शरीर पर कटे हुए गहरे जख्म के निशान मिले थे।
घायल अजगर को जंगल में छोड़ा गया
महराजगंज: निचलौल क्षेत्र में एक विशालकाय घायल अजगर को उसके प्राकृतिक आवास में सकुशल छोड़ दिया गया। यह अजगर ग्राम गडौरा से शुक्रवार को रेस्क्यू किया गया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अजगर के शरीर पर कटे हुए गहरे जख्म के निशान मिले थे, जिसके बाद उसे तत्काल उपचार हेतु वन विभाग की टीम द्वारा सुरक्षित ढंग से पशु चिकित्सालय पहुंचाया गया।
इस संबंध में क्षेत्रीय वन अधिकारी अजीत कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि घायल अजगर को प्राथमिक उपचार हेतु पशु चिकित्सक डॉ. बी.के. सिंह के पास लाया गया, जहां चिकित्सक ने उसके जख्मों की सफाई कर टांके लगाए। इसके बाद अजगर को वन विभाग कार्यालय परिसर में लगभग 5 दिनों तक देखरेख और निगरानी में रखा गया।
पाँच दिनों की देखभाल के बाद जब अजगर के स्वास्थ्य में सुधार देखा गया तो उसे मंगलवार को मधवलिया वन क्षेत्र की दूधराई बीट स्थित नदी किनारे प्राकृतिक वातावरण में छोड़ दिया गया, जिससे वह पुनः अपनी स्वाभाविक जीवनशैली में लौट सके।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार वन विभाग द्वारा इस कार्यवाही के जरिए न सिर्फ एक वन्य जीव को जीवनदान मिला बल्कि स्थानीय लोगों को भी वन्यजीव संरक्षण का संदेश मिला है। इस मौके पर वन विभाग ने आम जनमानस से अपील की कि यदि कहीं कोई वन्य जीव दिखाई दे तो डरने के बजाय तत्काल वन विभाग को सूचित करें, ताकि उन्हें सुरक्षित स्थान पर ले जाकर उचित देखरेख और इलाज मिल सके।
23 जुलाई को भी दिखा था अजगर
घुघली विकासखंड के पुरैना खंडी चौरा में भारतीय स्टेट बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में एक अजगर मिलने से हलचल मच गई थी। मजदूरों ने अजगर को देखते ही निर्माण कार्य रोक दिया था। उन्होंने तुरंत वन विभाग को इसकी सूचना दी। कुछ ग्रामीणों ने अजगर को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वे सफल नहीं हो सके। RSETI परिसर में चल रहे निर्माण कार्य के दौरान मजदूरों ने एक झाड़ी के पास रेंगते हुए अजगर को देखा। अजगर की मौजूदगी से वहां मौजूद लोगों में घबराहट फैल गई थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, अजगर की लंबाई लगभग 8 से 10 फीट थी। ग्रामीणों ने निर्माण स्थलों की पूर्व जांच की मांग की है। उनका कहना है कि इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है।