

चार दिनों की मजबूती के बाद बुधवार को शेयर बाजार में आई गिरावट। रिलायंस और ऑटो शेयरों में बिकवाली से सेंसेक्स 153 अंक फिसला। अब निगाहें ग्लोबल संकेतों और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर टिकी हैं। एशियाई बाजारों की कमजोरी और रिलायंस में गिरावट मुख्य वजह रहीं।
सेंसेक्स-निफ्टी में गिरावट
New Delhi: लगातार चार सत्रों तक चली मजबूती के बाद भारतीय शेयर बाजार में बुधवार को गिरावट देखने को मिली। सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन घरेलू बाजारों में मुनाफावसूली हावी रही, जिससे प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी दोनों गिरावट के साथ बंद हुए। बाजार पर दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले की सतर्कता, वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत और दिग्गज शेयरों में बिकवाली का असर स्पष्ट रूप से देखा गया।
बीएसई सेंसेक्स 153.09 अंक यानी 0.19% गिरकर 81,773.66 अंक पर बंद हुआ, जो कि 82,000 के अहम स्तर के नीचे फिसलने को दर्शाता है। इसी तरह, निफ्टी 50 भी 62.15 अंक यानी 0.25% लुढ़ककर 25,046.15 अंक पर बंद हुआ।
हालांकि, कारोबारी सत्र की शुरुआत थोड़ी तेजी के साथ हुई थी और शुरुआती घंटे में बाजार हरे निशान में बना रहा। लेकिन जैसे-जैसे दिन बढ़ा, मुनाफावसूली ने बाजार पर पकड़ बना ली, खासकर उन शेयरों में जो हाल के सत्रों में अच्छा प्रदर्शन कर चुके थे।
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सेंसेक्स के 30 शेयरों में से कई में गिरावट दर्ज की गई। इनमें प्रमुख रूप से शामिल रहे-
रिलायंस और HDFC बैंक जैसी दिग्गज कंपनियों में बिकवाली ने बाजार की धार कमजोर कर दी।
बाजार दबाव में आया
गिरावट के बीच कुछ आईटी और उपभोक्ता कंपनियों में खरीदारी देखने को मिली। जिन शेयरों ने मजबूती दिखाई, वे हैं-
IT सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी यह संकेत देती है कि बाजार अभी पूरी तरह नकारात्मक नहीं है, बल्कि सेक्टोरल रोटेशन जारी है।
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बाजार पर वैश्विक संकेतों का भी असर देखा गया। जापान का निक्की और हांगकांग का हैंग सेंग लाल निशान में बंद हुए। जबकि चीन और दक्षिण कोरिया के बाजार छुट्टी के कारण बंद रहे। अमेरिकी बाजार भी मंगलवार को कमजोरी के साथ बंद हुए थे। इसके विपरीत, यूरोपीय बाजारों में दोपहर तक तेजी का माहौल बना हुआ था।
इस बीच, ब्रेंट क्रूड की कीमतों में 1.16% की बढ़त देखने को मिली और यह 66.21 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जिससे ऊर्जा कंपनियों और मुद्रास्फीति की चिंताओं पर असर पड़ा।
जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "हालिया तेज उछाल के बाद निवेशकों ने ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली की है। साथ ही कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजों से पहले बाजार में सतर्कता बनी हुई है। इससे उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी रहेगी।"
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने मंगलवार को 1,440.66 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे, जिससे बाजार को कुछ हद तक समर्थन मिला था। हालांकि, गुरुवार को यह सहारा टिक नहीं सका और घरेलू कारकों ने बाजार की दिशा को प्रभावित किया।
शुक्रवार को बाजार का रुख कमाई के आंकड़ों, वैश्विक संकेतों, और तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर निर्भर करेगा। निवेशकों को यह देखना होगा कि क्या बाजार में यह गिरावट सिर्फ एक ब्रेक है या किसी बड़ी गिरावट की शुरुआत। तकनीकी रूप से निफ्टी को 25,000 के स्तर पर मजबूत सपोर्ट और 25,200 पर रेजिस्टेंस मिल सकता है। सेंसेक्स के लिए 81,500 का स्तर देखने लायक होगा।
डिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है, यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें।