

सोनभद्र के कोन ब्लॉक में यूरिया खाद की कमी से किसान परेशान हैं। कचनरवा सहकारी समिति के सचिव ने मोबाइल बंद कर फरार हो गए। किसानों ने प्रशासन से खाद की उपलब्धता और कालाबाजारी रोकने की मांग की है।
किसानों में भारी नाराजगी
Sonbhadra: कोन ब्लॉक में किसानों को यूरिया खाद की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनका धान की फसल समय पर खाद न मिलने के कारण खतरे में है। सहकारी समिति की ओर से खाद की उपलब्धता न होने से किसान पिछले एक सप्ताह से खाद के लिए दर-दर भटक रहे हैं। हालांकि खाद की कमी का फायदा उठाकर कोन, रामगढ़ और कचनरवा के प्राइवेट दुकानदार यूरिया खाद की बोरी को 266.50 रुपये के बजाय 600 से 700 रुपये तक और डीएपी को 1350 रुपये के बजाय 1600 से 1700 रुपये में बेच रहे हैं। इससे किसान आर्थिक रूप से भी बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
किसानों का आरोप है कि सहकारी समिति द्वारा खाद की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है, वहीं कई दुकानदार खाद को महंगे दामों पर बेचने के साथ-साथ झारखंड की ओर भी भेज रहे हैं। तेलगुड़वा-कोन मार्ग और कोन-विंढमगंज मार्ग स्थित दुकानदारों पर भी कालाबाजारी का आरोप लगाया गया है। इस वजह से किसानों को अपनी जरूरत की खाद बाजार से महंगी कीमतों पर खरीदनी पड़ रही है।
सोमवार को जब कचनरवा सहकारी समिति पर सुबह से खाद लेने आए किसानों को खाद नहीं मिली तो भारी नाराजगी देखने को मिली। किसानों की भीड़ और आक्रोश को देखकर कचनरवा सहकारी समिति के सचिव ने मोबाइल फोन बंद कर दिया और फरार हो गए। इस मामले में सहकारी समिति के अध्यक्ष संतोष जायसवाल ने बताया कि जिले से किसानों की मांग के अनुसार पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, जिससे वितरण में बाधा आ रही है।
यूरिया खाद की कमी से परेशान किसान
किसानों का कहना है कि संबंधित अधिकारी खाद की पर्याप्त उपलब्धता का दावा कर रहे हैं, लेकिन हकीकत इससे पूरी तरह विपरीत है। पिछले आठ दिनों से किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है, जिससे धान की फसल को गंभीर खतरा है। इस संकट के बीच किसानों ने जिला प्रशासन से तुरंत हस्तक्षेप कर खाद की किल्लत दूर करने, जमाखोरी और कालाबाजारी पर रोक लगाने की मांग की है।
किसान प्रतिनिधि बिहारी प्रसाद यादव, कैलास राम भारती, रघुवर प्रसाद, प्रदीप, बसंत, और बैकुंठ सिंह ने जिलाधिकारी और संबंधित विभाग का ध्यान आकृष्ट कराते हुए जल्द से जल्द पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराए जाने की अपील की है ताकि कृषि कार्य समय पर हो सके और फसल खराब न हो।
कोन ब्लॉक में उर्वरक की कमी और कालाबाजारी ने किसानों की समस्याओं को और बढ़ा दिया है। किसान आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण महंगे दामों पर खाद खरीदने को मजबूर हैं, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ रही हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए खाद की आपूर्ति सुनिश्चित करे और जमाखोरी व कालाबाजारी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए।