Sita Ram Mandir: अयोध्या के बाद अब पुनौरा धाम में दिखेगा भव्यता का नया अध्याय, यहां प्रकट हुई थीं माता सीता

अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भव्य उद्घाटन के बाद, अब देश को एक और ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर मिलने जा रही है। यह धरोहर माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी में आकार ले रही है, जहां पुनौरा धाम जानकी मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 8 August 2025, 3:16 PM IST
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Sitamarhi, Bihar: अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भव्य उद्घाटन के बाद, अब देश को एक और ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर मिलने जा रही है। यह धरोहर माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी में आकार ले रही है, जहां पुनौरा धाम जानकी मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। 8 अगस्त को इस मंदिर परिसर का शिलान्यास केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उपस्थिति में संपन्न हुआ।

यह केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि 67 एकड़ में फैला एक नियोजित धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र होगा, जो अपने स्वरूप में न केवल सीतामढ़ी शहर से बड़ा होगा, बल्कि सुविधाओं और सौंदर्य की दृष्टि से एक आदर्श धार्मिक नगरी में तब्दील होगा।

माता सीता के प्रकट-स्थल पर भव्य मंदिर

पुनौरा धाम को माता सीता की प्रकट-स्थली के रूप में धार्मिक मान्यता प्राप्त है। यह स्थान वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए एक आस्था का केंद्र रहा है, लेकिन अब यहां ₹882 करोड़ 87 लाख की लागत से एक विश्वस्तरीय मंदिर परिसर तैयार किया जा रहा है। मंदिर की वास्तुशिल्प डिजाइन उसी कंपनी द्वारा की जा रही है, जिसने अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण किया है।

प्रस्तावित मंदिर की ऊंचाई 156 फीट होगी, जो अयोध्या के मंदिर से केवल 5 फीट कम होगी। इसके गर्भगृह से लेकर यज्ञ मंडप, पुस्तकालय, भंडारा स्थल, जानकी कुंड और म्यूजियम तक — हर दिशा में आस्था और सुविधा का समन्वय किया गया है।

नियोजित विकास: सीतामढ़ी से अधिक सुव्यवस्थित

जहां वर्तमान में सीतामढ़ी नगर क्षेत्र बेतरतीब विकास और यातायात की अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है, वहीं पुनौरा धाम पूरी तरह से नियोजित संरचना पर आधारित होगा। 50 एकड़ अतिरिक्त भूमि का अधिग्रहण कर अब परिसर का कुल क्षेत्रफल 67 एकड़ कर दिया गया है।

परिसर में मुख्य प्रवेश द्वार पूर्वी छोर पर होगा, जबकि उत्तर दिशा में यात्री सुविधाएं, पुस्तकालय, और स्वागत केंद्र होंगे। दक्षिण दिशा में यज्ञ मंडप और भंडारा स्थल, तथा पश्चिम दिशा में जानकी कुंड और संग्रहालय स्थापित किए जाएंगे। मुख्य मंदिर मध्य भाग में स्थित होगा, जहां चारों दिशाओं से पहुंच संभव होगी।

ई-कार्ट सेवा, जानकारी केंद्र, नक्शा मार्गदर्शिका, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था — इन सबके माध्यम से यह परिसर हर श्रद्धालु के लिए सुलभ और स्वागतपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा।

पर्यटन और रोजगार का नया केंद्र

पुनौरा धाम सिर्फ धार्मिक महत्व नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक विकास का भी केंद्र बनेगा। मंदिर परिसर के निर्माण से पर्यटन, गाइडिंग, होटल, हस्तशिल्प, स्थानीय भोजनालयों और परिवहन सेवाओं में हजारों रोजगार के अवसर सृजित होंगे।

वेद पाठशाला, मिथिला हाट, और सांस्कृतिक केंद्र जैसी संरचनाएं यहां की पारंपरिक विरासत को जीवंत बनाएंगी। यह परिसर बिहार की सांस्कृतिक चेतना और आस्थाओं का प्रतीक बनकर उभरेगा, जहां देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु माता जानकी की जन्मस्थली के दर्शन करेंगे।

कैसे पहुंचे पुनौरा धाम?

पुनौरा धाम, सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से लगभग 5 किलोमीटर पश्चिम में स्थित है। यह स्थान राम-जानकी मार्ग पर है, जो अयोध्या से जनकपुर (नेपाल) तक प्रस्तावित है। निकटतम हवाई अड्डा दरभंगा (70 किमी) है, जबकि पटना एयरपोर्ट यहां से लगभग 150 किलोमीटर दूर स्थित है। सीधी सड़क सुविधाओं के कारण यह स्थल यात्रियों के लिए आसानी से सुलभ होगा।

पुनौरा धाम जानकी मंदिर का निर्माण केवल bricks और mortar का ढांचा नहीं, बल्कि यह बिहार की सांस्कृतिक, धार्मिक और आर्थिक चेतना का एक नया आयाम है। यह परियोजना न केवल माता सीता की जन्मभूमि को नई भव्यता देगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक मानचित्र पर भी सीतामढ़ी को प्रमुख स्थान दिलाएगी।

अब जब अयोध्या में श्रीराम का मंदिर स्थापित हो चुका है, तब माता जानकी की यह जन्मस्थली भी एक दिव्य, भव्य और सुव्यवस्थित धार्मिक केंद्र के रूप में देश और दुनिया के लिए आस्था का नया प्रतीक बनने जा रही है।

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