

सचिव ने जानबूझकर बड़े किसानों और खाद तस्करों को प्राथमिकता दी, जबकि गरीब और छोटे किसानों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया। किसानों ने कहा कि समय पर खाद न मिलने से उनकी फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं।
किसानों ने सचिव के खिलाफ किया हंगामा
Maharajganj News: निचलौल तहसील के गड़ौरा गांव स्थित बहुद्देशीय सहकारी समिति लिमिटेड में शनिवार को खाद वितरण के दौरान भारी अव्यवस्था और मनमानी को लेकर किसानों का आक्रोश फूट पड़ा। सैकड़ों किसानों ने समिति कार्यालय के बाहर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। सचिव पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के गंभीर आरोप लगाए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार, किसानों का कहना है कि वे शुक्रवार रात से ही लाइन में लगे हुए थे, जिससे उन्हें समय से खाद मिल सके, लेकिन शनिवार सुबह जब वितरण शुरू हुआ तो केवल कुछ चुनिंदा किसानों को ही खाद दी गई। शेष किसानों को बिना किसी स्पष्ट कारण के वापस लौटा दिया गया।
दस्तावेज फाड़कर भागा सचिव, हंगामा शुरू
किसानों ने बताया कि जब उन्होंने सचिव से खाद न मिलने का कारण जानना चाहा तो उसने आवेदन पत्र और पहचान पत्रों को फाड़ दिया। जिसके बाद वह मौके से फरार हो गया। यह देख किसानों में गंभीर आक्रोश फैल गया और उन्होंने समिति कार्यालय के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। किसानों का आरोप है कि सचिव ने जानबूझकर बड़े किसानों और खाद तस्करों को प्राथमिकता दी, जबकि गरीब और छोटे किसानों को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।
किसानों पर बड़ा आर्थिक संकट गहराया
किसानों ने कहा कि समय पर खाद न मिलने से उनकी फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं। पहले ही वे महंगाई और मौसम की मार से जूझ रहे हैं, अब खाद संकट ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है। विरोध प्रदर्शन में राधेश्याम सुदामा, अजीत, सरवन गुप्ता, राकेश गुप्ता, प्रमिला, सुमित्रा, अनिल, रामहरख, रामगोपाल, बिंद्रावती, संजीत, सोनू और संजय समेत सैकड़ों किसान शामिल हुए। प्रदर्शन के बाद सभी ने जिला कृषि अधिकारी को स्पीड पोस्ट के माध्यम से शिकायत पत्र भेजा और दोषी सचिव पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
आंदोलन की चेतावनी
किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही खाद वितरण में पारदर्शिता नहीं लाई गई और दोषी सचिव पर कार्रवाई नहीं की गई तो वे तहसील स्तर पर बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। इस पूरे मामले पर स्थानीय प्रशासन की ओर से अब तक कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है, जिससे किसानों में और भी नाराजगी देखने को मिल रही है।