

26 अगस्त 2025 को हरतालिका तीज मनाई जाएगी। इस दिन व्रती महिलाएं निर्जल व्रत रखकर रातभर जागरण करती हैं। मान्यताओं के अनुसार व्रत नियमों का उल्लंघन करने पर अगला जन्म अप्रिय होता है।
हरतालिका तीज के नियम (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: इस वर्ष हरतालिका तीज 26 अगस्त 2025 (मंगलवार) को मनाई जाएगी। यह व्रत सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं के लिए अत्यंत पवित्र और कठिन तपस्या माना गया है। यह व्रत मुख्यतः सुख-समृद्धि, अखंड सौभाग्य, पति की लंबी उम्र तथा योग्य वर की प्राप्ति के लिए रखा जाता है। यह निर्जला व्रत होता है, यानी इसमें पानी तक नहीं पिया जाता और रात्रि जागरण अत्यंत अनिवार्य होता है।
हरतालिका तीज व्रत को लेकर पौराणिक मान्यताएं और शास्त्रीय नियम इतने सख्त हैं कि इसे पूरा न करने पर अगले जन्म में अप्रिय मिलने की आशंका बताई गई है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, हरतालिका तीज की रात सोना वर्जित है। जो महिलाएं इस दिन रात में सो जाती हैं, उन्हें अगले जन्म में अजगर का जन्म मिलता है। शास्त्रों के अनुसार, जागरण न करने से व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता और तपस्या अधूरी मानी जाती है।
इसलिए महिलाओं को चाहिए कि वे रात भर भजन-कीर्तन, मंत्र जाप, देवी पार्वती और भगवान शिव की स्तुति करें और खुद को जागृत रखें।
हरतालिका तीज में अन्न, जल, फल, मिठाई आदि का सेवन पूर्णतः वर्जित होता है। इसके पीछे मान्यता है कि-
अन्न का सेवन करने वाली महिला अगले जन्म में वानर बनती है।
जल पीने से मछली का जन्म होता है।
हरतालिका तीज पर पूजा (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
फल खाने वाली स्त्री बंदर का रूप धारण करती है।
मीठा खाने से मक्खी का जन्म मिलता है।
इसलिए व्रत से पूर्व, सूर्योदय से पहले नारियल पानी, ड्राईफ्रूट्स, और जूस आदि का सेवन कर सकती हैं ताकि दिनभर ऊर्जा बनी रहे।
हरतालिका तीज पर महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाकर, श्रृंगार कर, माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं। व्रती महिलाएं कथा सुनती हैं, शिव-पार्वती विवाह की लीलाएं याद करती हैं और अंत में रात्रि जागरण के साथ व्रत का पालन करती हैं।
सोने से अजगर का जन्म।
अन्न खाने से बंदर का जन्म।
फल खाने से वानर का जन्म।
मीठा खाने से मक्खी का जन्म।
जल पीने से मछली बनना पड़ता है।
इसलिए व्रत की शुरुआत से अंत तक नियमों का पूर्ण पालन करना जरूरी माना गया है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और लोकश्रुतियों पर आधारित है। किसी भी नियम को अपनाने से पूर्व संबंधित धार्मिक या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें। डाइनामाइट न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता है।