

हरिद्वार में लगभग 40 आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाए गए। CDO आकांक्षा कोड़े ने पोषण ट्रैकर की मासिक समीक्षा, डेटा अपलोड सुनिश्चित करने और लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
हरिद्वार में आंगनबाड़ी व्यवस्था
Haridwar: उत्तराखंड के जनपद हरिद्वार में आंगनबाड़ी व्यवस्था को सुदृढ़ और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने सख्ती का चाबुक चलाया है। इसी क्रम में बाल विकास विभाग के ‘पोषण ट्रैकर’ के प्रभावी संचालन को लेकर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आकांक्षा कोड़े की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल समेत समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) उपस्थित रहे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान यह खुलासा हुआ कि जिले के करीब 40 आंगनबाड़ी केंद्र लंबे समय से बंद पाए गए हैं। इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सेवाएं तत्काल समाप्त करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों और महिलाओं को पोषण और शिक्षा से जोड़ने वाले इन केंद्रों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सुधारात्मक कदम उठाने के सख्त निर्देश
इसके अलावा अन्य केंद्रों में भी पाई गई कमियों पर नाराजगी जताते हुए सुधारात्मक कदम उठाने के सख्त निर्देश दिए गए। बैठक में तय किया गया कि ‘पोषण ट्रैकर’ पोर्टल पर दर्ज सूचनाओं की मासिक समीक्षा सीडीपीओ स्तर पर अनिवार्य रूप से की जाएगी। साथ ही समय से सटीक डेटा अपलोड करना सभी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी होगी, ताकि योजनाओं का संचालन प्रभावी और पारदर्शी तरीके से हो सके।
बैठक में हुई प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की प्रगति की चर्चा
बैठक में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की प्रगति की भी समीक्षा हुई। सीडीओ ने सभी सीडीपीओ को अपने-अपने क्षेत्र में योजना के सभी लक्ष्यों को तय समयसीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मातृ वंदना योजना के तहत योग्य लाभार्थियों को लाभ देने में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं होनी चाहिए।
लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई
मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि योजनाओं का लाभ वास्तविक जरूरतमंदों तक पहुंचे, इसके लिए हर स्तर पर जिम्मेदारी तय की जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान उन्होंने बाल विकास विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में अगर कहीं भी लापरवाही मिली तो संबंधित के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
प्रशासन ने आमजन से की अपील
सीडीओ ने कहा कि जिला प्रशासन का उद्देश्य हर बच्चे और महिला तक पोषण योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। इसके लिए हर माह मॉनिटरिंग रिपोर्ट तैयार कर मुख्यालय को भेजी जाएगी और समीक्षा के आधार पर केंद्रों के संचालन को और बेहतर किया जाएगा। प्रशासन ने आमजन से भी अपील की है कि अगर कहीं आंगनबाड़ी केंद्र बंद या निष्क्रिय मिले तो इसकी सूचना तुरंत दें, ताकि जिम्मेदारों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।