

रुड़की के धनौरी क्षेत्र स्थित जस्सावाला रोड पर बने महर्षि दयानंद मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक गुलदार दीवार फांदकर कॉलेज परिसर में घुस आया। सूचना के बाद इलाके में दहशत व्याप्त है।
Haridwar: रुड़की के धनौरी क्षेत्र स्थित जस्सावाला रोड पर बने महर्षि दयानंद मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक गुलदार दीवार फांदकर कॉलेज परिसर में घुस आया। घटना के दौरान वहां मौजूद छात्र-छात्राओं और स्टाफ ने गुलदार को अचानक देख लिया, जिससे पूरे कैंपस में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। गुलदार की गतिविधियां कॉलेज में लगे CCTV कैमरों में स्पष्ट रूप से कैद हो गईं, जिसके बाद वीडियो तेजी से वायरल होने लगे।
कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि देर रात गुलदार दीवार लांघकर सीधे हॉस्टल के नजदीक वाले हिस्से तक पहुंच गया। अचानक उसकी मौजूदगी से छात्र-छात्राएं डर के मारे कमरों में बंद हो गए। वहीं स्टाफ के लोग भी सुरक्षित स्थान की ओर भाग खड़े हुए। इस घटना से न केवल कॉलेज परिसर बल्कि आसपास के इलाकों में भी दहशत फैल गई है।
हरिद्वार वासियों के लिए खुशखबरी, इस खास मौके पर हुआ अस्पताल का भव्य विस्तार
कॉलेज प्रबंधक अश्वनी सैनी ने घटना को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि यदि समय रहते वन विभाग ने कार्रवाई नहीं की तो किसी अनहोनी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि कॉलेज की शैक्षणिक गतिविधियां गुलदार की मौजूदगी से प्रभावित हो रही हैं और छात्र-छात्राओं की सुरक्षा कॉलेज प्रशासन की सबसे बड़ी चिंता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ समय से क्षेत्र में जंगली जानवरों की आवाजाही बढ़ गई है। आए दिन आसपास के गांवों और खेतों में गुलदार देखे जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ग्रामीणों और छात्रों ने वन विभाग से तुरंत पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की मांग की है।
हालांकि, अब तक वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। कॉलेज प्रशासन और स्थानीय लोग लगातार विभाग को सूचना दे रहे हैं, लेकिन कार्रवाई में देरी से लोगों में आक्रोश और भय दोनों बढ़ रहे हैं।
Road Accident: हरिद्वार में तेज रफ्तार का कहर: सब्जी विक्रेता को कार ने रौंदा, चालक गिरफ्तार
गौरतलब है कि मेडिकल कॉलेज जैसे भीड़-भाड़ वाले और संवेदनशील क्षेत्र में गुलदार का पहुंचना सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है। यदि समय रहते स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह घटना किसी बड़े हादसे में बदल सकती है। फिलहाल कॉलेज प्रशासन और स्थानीय लोग वन विभाग से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद लगाए बैठे हैं।