

पिपराइच क्षेत्र के नैयापार ग्राम सभा में रिंग रोड निर्माण के दौरान बनाए गए अंडरपास के संकरे होने के विरोध में शनिवार सुबह 9 बजे से ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया। नैयापार, आराजी चौरी, कर्महा सहित आसपास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीण रमवापुर से रजहीं को जोड़ने वाली पीच सड़क पर बने अंडरपास के पास एकत्र हुए और निर्माण कार्य को रोक दिया।
ग्रामीणों का प्रदर्शन
Gorakhpur: गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र के नैयापार ग्राम सभा में रिंग रोड निर्माण के दौरान बनाए गए अंडरपास के संकरे होने के विरोध में शनिवार सुबह 9 बजे से ग्रामीणों ने जोरदार प्रदर्शन किया। नैयापार, आराजी चौरी, कर्महा सहित आसपास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीण रमवापुर से रजहीं को जोड़ने वाली पीच सड़क पर बने अंडरपास के पास एकत्र हुए और निर्माण कार्य को रोक दिया। प्रदर्शन दोपहर 12 बजे तक चला, जिससे क्षेत्र में तनाव का माहौल रहा।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि संतोष सिंह ने बताया कि रिंग रोड निर्माण शुरू होने से पहले ही ग्रामीणों ने अंडरपास को चौड़ा करने की मांग उठाई थी। उन्होंने कहा, "ठेकेदार और एनएचएआई के कर्मचारियों ने हमारी मांगों को अनसुना कर संकरा अंडरपास बना दिया, जिसमें केवल छोटी चार पहिया गाड़ियां ही गुजर सकती हैं। बड़ी गाड़ियां जैसे ट्रक, कंबाइन या ट्रैक्टर इस अंडरपास से नहीं निकल सकते। इससे न केवल नैयापार बल्कि आसपास के गांवों को भी भारी असुविधा और आर्थिक नुकसान होगा।
" ग्रामीणों का कहना है कि एनएचएआई ने अंडरपास चौड़ा करने का आश्वासन दिया था, लेकिन वादा पूरा नहीं हुआ, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया।
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी ने पिपराइच पुलिस को मौके पर भेजा। पुलिस ने ग्रामीणों से बातचीत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। इसके बाद प्रोजेक्ट मैनेजर अभिषेक यादव को बुलाया गया। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी।
नाराज ग्रामीणों के दबाव में प्रोजेक्ट मैनेजर को निर्माण कार्य रोकना पड़ा। अभिषेक यादव ने बताया, "जिलाधिकारी के आदेश के बाद ही आगे का निर्माण कार्य शुरू होगा। अभी कार्य स्थगित कर दिया गया है।"
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक अंडरपास का चौड़ीकरण नहीं होगा, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे। इस घटना से क्षेत्र में रिंग रोड परियोजना की प्रगति पर असर पड़ सकता है। ग्रामीणों की मांग है कि उनकी सुविधा और जरूरतों को ध्यान में रखकर अंडरपास का निर्माण किया जाए, ताकि बड़े वाहनों का आवागमन संभव हो सके।