

बलिया में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार कर गया है। प्रशासन ने कटाव रोकने के प्रयास तेज किए हैं, जबकि ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर
गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा (सोर्स- इंटरनेट)
Ballia: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में गंगा नदी का जलस्तर चेतावनी बिंदु से 57.615 मीटर को पार कर 58.19 मीटर तक पहुंच गया है। बाढ़ विभाग के अनुसार, जलस्तर में यह निरंतर वृद्धि हो रही है, जिससे जिले के कई क्षेत्रों में आपदा की स्थिति पैदा हो गई है। जिसके बाद जनपद में हड़कंप मच गया और दहशत का माहौल बना हुआ है।
भारी जोखिम वाले क्षेत्र
रामगढ़ व हुकुम छपरा क्षेत्र में गंगा नदी राष्ट्रीय राजमार्ग-31 से लगती हुई बह रही है। इससे गोपालपुर, उदयी छपरा, बहुआरा, सती घाट, जगदीशपुर सहित कई गांवों के लोग पहले ही परिवार, सामान व पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने लगे हैं।
फ्लड फाइटिंग कार्य तेज
जिला प्रशासन तथा बाढ़ कंट्रोल विभाग ने तेज़ी से फ्लड फाइटिंग कार्य शुरू किया है। गोपालपुर–मीनापुर में पहले से चल रही परियोजना (3.69 करोड़ की लागत) में नदी के बढ़ते जलस्तर को रोकने हेतु एसी बैग का उपयोग कर सुरक्षा कार्य शुरू कर दिया गया है ।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
स्थल का दौरा कांग्रेस जिलाध्यक्ष उमाशंकर पाठक ने भी किया। उन्होंने आरोप लगाया कि परियोजना में लापरवाही हुई है और यदि धन का सही उपयोग किया गया होता, तो नदी कटान नहीं होता।
उधर, बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता ने बताया कि आपदा से सुरक्षा हेतु जिला स्तर पर 98 करोड़ रुपये की राशि से 14 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। उन्होंने दावा किया कि जिन परियोजनाओं को पूरा किया गया है, वहां कटान की समस्या नहीं आई है।
गांवों में पानी की भरमार और कटान
दया छपरा इलाके में गायघाट गेज पर बुधवार शाम 4 बजे जलस्तर 58.160 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो मीडियम फ्लडलवल 58.615 मीटर की ओर बढ़ रहा था। इससे पहले, अमर उजाला की रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जलस्तर 2 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है और नदी किनारे कटान के कारण उस क्षेत्र की खेती प्रभावित होने लगी है।
प्रशासन की तैयारियां और निर्देश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के डेंजर जोन सहित संवेदनशील इलाकों का निरीक्षण कर 24 घंटे अलर्ट मोड में ड्यूटी लगाने, कंट्रोल रूम स्थापित करने और कटान निरोधी कार्यों को तेज करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं।