EC Press Conference: मतदाता सूची विवाद के बीच चुनाव आयोग की बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस, मुख्य चुनाव आयुक्त ने दिए सवालों के जवाब

चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी और मतदाता सूची में अनियमितताओं को लेकर विपक्ष के तीखे आरोपों के बीच रविवार को चुनाव आयोग ने अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में आयोजित इस प्रेस वार्ता में आयोग ने मतदाता सूची, SIR प्रक्रिया और हाल ही में उठे सवालों पर खुलकर जवाब दिए।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 17 August 2025, 4:05 PM IST
google-preferred

New Delhi: चुनाव प्रक्रिया में धांधली और मतदाता सूची में गड़बड़ी के विपक्षी आरोपों के बीच रविवार को चुनाव आयोग ने अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस वार्ता में आयोग ने राहुल गांधी के बयानों सहित SIR प्रक्रिया, मतदाता सूची की गोपनीयता और पारदर्शिता से जुड़े सभी मुद्दों पर विस्तार से जवाब दिए।

राहुल गांधी को 7 दिन का अल्टीमेटम

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि अगर राहुल गांधी ने अपने आरोपों के पक्ष में सात दिन के भीतर शपथ पत्र नहीं दिया तो उनके आरोपों को निराधार माना जाएगा। उन्होंने कहा, "या तो हलफनामा दें, या देश से माफी मांगें।" शपथ पत्र की आवश्यकता पर आयोग ने स्पष्ट किया कि यदि कोई व्यक्ति उस क्षेत्र का मतदाता नहीं है, तो तय समय के बाद शिकायत दर्ज कराने के लिए शपथ पत्र देना अनिवार्य होता है।

SIR पर उठे सवालों का जवाब

बिहार में चुनाव से पहले SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को लेकर उठे सवालों पर चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची में सुधार हमेशा चुनाव से पहले होता है, न कि बाद में। उन्होंने बताया कि राज्य में बाढ़ जैसी परिस्थितियों के बावजूद प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।

वोट चोरी के आरोपों को बताया भ्रामक

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 'वोट चोरी' जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर देश के संविधान का अपमान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि SIR के तहत 1.6 लाख बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) की निगरानी में वोटर लिस्ट तैयार की गई, जिसे सभी दलों के प्रतिनिधियों ने सत्यापित किया है। ऐसे में चोरी की कोई संभावना नहीं है।

मशीन रीडेबल लिस्ट क्यों नहीं?

मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट को लेकर उठे सवाल पर आयोग ने कहा कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने निजता के हनन की आशंका को देखते हुए ऐसे डेटा को सार्वजनिक न करने की सलाह दी थी। उसी के अनुपालन में यह सूची हटाई गई है।

हलफनामा देने के दावे पर सफाई

बीजेडी और अखिलेश यादव की ओर से हलफनामा देकर शिकायत की बात पर आयोग ने कहा कि चुनाव परिणाम के बाद इस तरह की शिकायतें उचित प्रक्रिया का पालन नहीं करतीं। आयोग के अनुसार, इन मामलों पर जिला स्तर पर विचार चल रहा है और समय से पहले टिप्पणी करना नियमों के विरुद्ध होगा।

पश्चिम बंगाल में SIR कब?

पश्चिम बंगाल में SIR की तारीख को लेकर पूछे गए सवाल पर आयोग ने कहा कि यह फैसला सभी तीन चुनाव आयुक्त मिलकर लेंगे। जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।

जनता से सहयोग की अपील

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि बिहार की प्रारूप मतदाता सूची में सुधार के लिए अब भी 15 दिन शेष हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे आगे आकर सूची को दुरुस्त करने में भाग लें। साथ ही, उन्होंने 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके युवाओं से मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का आग्रह किया।

"चुनाव आयोग सभी के लिए समान"

CEC ज्ञानेश कुमार ने कहा, "चुनाव आयोग के लिए कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है। हम सभी मतदाताओं के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं।" उन्होंने यह भी जोड़ा कि दो दशकों से सभी राजनीतिक दल मतदाता सूची में सुधार की मांग करते रहे हैं, और SIR उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।

Location :