

भारत ने अपनी नौसेना के जंगी बेड़े में दो नए फ्रिगेट्स- INS उदयगिरी और INS हिमगिरी शामिल किए हैं। ये अत्याधुनिक युद्धपोत ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम हैं।
समुद्री शक्ति में बड़ा इज़ाफा
New Delhi: भारत की नौसेना ने अपने जंगी बेड़े को और भी मजबूत करते हुए दो नए अत्याधुनिक युद्धपोतों को शामिल किया है। इन युद्धपोतों का नाम INS उदयगिरी और INS हिमगिरी है, जो भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 17A का हिस्सा हैं। इन दोनों फ्रिगेट्स को क्रमशः मझगांव डॉकयार्ड (मुंबई) और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (कोलकाता) द्वारा तैयार किया गया है। खास बात यह है कि INS उदयगिरी भारतीय नौसेना के वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो द्वारा डिज़ाइन किया गया 100वां जहाज है, जो इस ऐतिहासिक अवसर का प्रतीक है।
INS उदयगिरी और INS हिमगिरी के कमीशन होने से भारत के रक्षा क्षेत्र में 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' पहल की सफलता को और बल मिला है। ये युद्धपोत उच्च श्रेणी की तकनीक से लैस हैं, जिसमें सुपरसोनिक मिसाइल, एंटी-सबमरीन वॉरफेयर क्षमता और विभिन्न प्रकार के हथियार प्रणालियाँ शामिल हैं। इन युद्धपोतों की डिजाइन को इस तरह से तैयार किया गया है कि ये रडार पर कम दिखाई देते हैं, जिससे ये स्टेल्थ वॉरशिप की श्रेणी में आते हैं। ये युद्धपोत समुद्र में न केवल पेट्रोलिंग, बल्कि एस्कॉर्ट और एंटी-सबमरीन ऑपरेशन में भी सक्षम होंगे।
नौसेना के जंगी बेड़े में दो नए फ्रिगेट्स
INS उदयगिरी और INS हिमगिरी के हथियार प्रणालियों में सुपरसोनिक सतह-से-सतह मिसाइलें, मध्यम दूरी की सतह-से-आसमान मिसाइलें और 76 मिमी तोप सहित 30 मिमी और 12.7 मिमी क्लोज-इन हथियार प्रणालियाँ शामिल हैं। इसके अलावा, ये पोत एंटी-सबमरीन और अंडरवाटर हथियार प्रणालियों से भी लैस हैं। इन युद्धपोतों को संयुक्त डीजल और गैस (CODOG) प्रणालियों से संचालित किया जाएगा, जो उन्हें उच्च गति पर भी स्थिर बनाए रखते हैं।
इस वर्ष अब तक भारतीय नौसेना ने INS सूरत (डिस्ट्रॉयर), INS नीलगिरी (फ्रिगेट), INS अरनाला और INS वागशीर (पनडुब्बी) सहित कई अत्याधुनिक युद्धपोतों को अपने बेड़े में शामिल किया है। इनमें से अधिकांश युद्धपोतों के निर्माण में 200 से अधिक छोटे और मझोले उद्योगों ने योगदान दिया है, जिससे लाखों रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं।
यह कमीशनिंग समारोह केवल एक नौसैनिक रस्म नहीं होगा, बल्कि यह भारतीय नौसेना की सामरिक क्षमता और आत्मनिर्भरता की मिसाल प्रस्तुत करेगा। जैसे ही इन युद्धपोतों को जंगी बेड़े में शामिल होते देखा जाएगा, यह संदेश स्पष्ट होगा कि भारत के समुद्रों की रक्षा भारतीयों द्वारा डिजाइन और निर्मित युद्धपोतों द्वारा की जा रही है।