Indian Oil: भारत ने ट्रंप की टैरिफ धमकी के बावजूद लिया बड़ा फैसला, कहा- रूस से जारी रहेगी कच्चे तेल की खरीद

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों के बावजूद इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) ने रूस से कच्चे तेल की खरीद चालू तिमाही में भी जारी रखने का फैसला किया है। कंपनी ने यह निर्णय अपनी आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए लिया है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 19 August 2025, 1:47 PM IST
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New Delhi: सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL) ने स्पष्ट कर दिया है कि वह चालू तिमाही में रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखेगी, भले ही अमेरिका की ओर से अतिरिक्त टैरिफ का खतरा क्यों न हो। यह फैसला कंपनी की आर्थिक स्थिति और बाज़ार की परिस्थितियों के आधार पर लिया गया है।

कंपनी ने जानकारी दी है कि वर्तमान में रूस से मिल रही छूट घटकर मात्र 1.5-2 डॉलर प्रति बैरल रह गई है, जो पहले कहीं अधिक हुआ करती थी। बावजूद इसके कंपनी ने यह स्पष्ट किया है कि रूस से तेल की खरीद जारी रखना उसकी ऊर्जा जरूरतों और रणनीतिक साझेदारी का हिस्सा है।

ट्रंप ने भारत को दी चेतावनी

यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को चेतावनी दी है कि अगर उसने रूस से तेल की खरीद नहीं रोकी, तो 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रंप का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर उसे खुले बाजार में मुनाफे पर बेच रहा है और रूस के यूक्रेन पर हमलों को नज़रअंदाज़ कर रहा है।

वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में रूसी तेल का हिस्सा IOCL के कुल आयात का 24 प्रतिशत रहा, जो कि 2025 में 22 प्रतिशत था। इससे यह स्पष्ट होता है कि रूस भारत के लिए एक प्रमुख ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बना हुआ है। IOCL ने कहा कि भविष्य में भी यह निर्भर करेगा कि कंपनी की वित्तीय स्थिति कैसी रहती है।

रिफाइनिंग कैपेसिटी में बड़ा निवेश

IOCL सिर्फ कच्चे तेल की खरीद में ही नहीं, बल्कि अपने रिफाइनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मज़बूती देने में जुटी है। FY26 में कंपनी ने कुल 34,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। इसमें से 14,000-15,000 करोड़ रुपये रिफाइनरी संचालन और 15,000-16,000 करोड़ रुपये पेट्रोकेमिकल, पाइपलाइन और गैस डिस्ट्रीब्यूशन पर खर्च किए जाएंगे।

पानीपत रिफाइनरी की क्षमता को 15 MMTPA से बढ़ाकर 25 MMTPA किया जा रहा है, जो वर्ष के अंत तक चालू होने की उम्मीद है।

बरौनी रिफाइनरी (बिहार) को 6 MMTPA से 9 MMTPA तक विस्तारित किया जाएगा।

गुजरात की कोयली रिफाइनरी की क्षमता को 13.7 MMTPA से 18 MMTPA तक बढ़ाया जाएगा।

इन परियोजनाओं से न केवल देश की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा, बल्कि आयात पर निर्भरता भी कम होगी।

अमेरिका-भारत ऊर्जा संबंधों पर दबाव

ट्रंप द्वारा सोशल मीडिया पर दिए गए बयानों ने भारत और अमेरिका के ऊर्जा व्यापार संबंधों में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है। हालांकि, ट्रंप ने हाल ही में कहा कि वह फिलहाल रूस से तेल खरीदने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं, और उन्हें अंतिम निर्णय लेने में कुछ और समय लगेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए कई विकल्पों को खुला रखना होगा और रूसी तेल की आपूर्ति इसी रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका के साथ संभावित टकराव के बावजूद, भारत का रुख बताता है कि वह अपनी राष्ट्रीय हितों और ऊर्जा आवश्यकताओं को सर्वोपरि रखेगा।

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  • 19 August 2025, 1:47 PM IST