कांग्रेस ने ‘बीड़ी और बिहार’ पोस्ट पर माफी मांगी, विवाद बढ़ने पर सोशल मीडिया प्रमुख ने त्यागा पद

कांग्रेस केरल इकाई के सोशल मीडिया प्रमुख वी.टी. बलराम ने विवादित ‘बीड़ी और बिहार’ पोस्ट के बाद इस्तीफा दे दिया। पार्टी ने इस पोस्ट को हटा कर माफी मांगी है। विवाद से राजनीतिक हलचल बढ़ गई है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 6 September 2025, 6:47 PM IST
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Thiruvananthapuram: कांग्रेस केरल इकाई में बीड़ी और बिहार को लेकर विवादित पोस्ट के कारण हलचल मची हुई है। पार्टी के सोशल मीडिया विंग के प्रमुख और पूर्व विधायक वी.टी. बलराम ने विवादित पोस्ट पर बढ़ती आलोचना के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस पोस्ट में बीड़ी (तंबाकू उत्पाद) और बिहार के बीच तुलना करते हुए बिहार का अपमान किया गया था, जिसे लेकर राजनीतिक और सामाजिक दोनों स्तरों पर तीखी प्रतिक्रिया आई।

विवादित पोस्ट को लेकर बवाल

कांग्रेस केरल इकाई के सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर प्रकाशित इस पोस्ट में कहा गया था, 'बीड़ी (एक तंबाकू उत्पाद) और बिहार 'बी' से शुरू होते हैं। अब इसे पाप नहीं माना जा सकता।' यह पोस्ट बिहार के लिए अपमानजनक माना गया और इससे राजनीतिक विरोध तेज हो गया। खासकर बिहार के नेताओं और आम जनता ने कांग्रेस के इस ट्वीट की कड़ी निंदा की। इस विवाद ने पार्टी के लिए राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया।

कांग्रेस का माफी और पोस्ट हटाना

केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष सनी जोसेफ ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस पोस्ट को अपलोड करने में ‘गलती’ हुई और इसमें ‘सतर्कता की कमी’ बरती गई। उन्होंने बताया कि पार्टी ने इस पोस्ट को एक दिन पहले ही हटा दिया था और सोशल मीडिया टीम के निर्देशानुसार माफी भी मांगी गई है। सनी जोसेफ ने स्पष्ट किया कि पार्टी किसी भी राज्य या समुदाय का अपमान नहीं करना चाहती है और भविष्य में ऐसे मामलों पर और अधिक सावधानी बरती जाएगी।

वी.टी. बलराम का इस्तीफा और पार्टी की प्रतिक्रिया

वी.टी. बलराम, जो कि कांग्रेस के केरल सोशल मीडिया विंग के प्रमुख थे, ने इस विवाद के बाद दबाव बढ़ने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बलराम ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी को अपमानित करना नहीं था, लेकिन उन्होंने पार्टी और जनता की भावनाओं को आहत करने के लिए खेद व्यक्त किया। उनका इस्तीफा पार्टी में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है। कांग्रेस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सोशल मीडिया संचालन में सुधार का आश्वासन दिया है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं

बिहार के राजनीतिक दलों ने कांग्रेस के इस पोस्ट की कड़ी निंदा की। कई नेताओं ने इसे प्रदेश और वहां की जनता के प्रति अपमानजनक बताया। सोशल मीडिया पर भी इस पोस्ट को लेकर विवाद गरम रहा, जहां कई उपयोगकर्ताओं ने कांग्रेस की माफी और बलराम के इस्तीफे को जरूरी कदम बताया। वहीं, कुछ कांग्रेस समर्थकों ने कहा कि यह केवल एक गलतफहमी थी, जिसे माफी के जरिए सुलझाया जाना चाहिए।

इस घटना ने राजनीतिक दलों के सोशल मीडिया प्रबंधन की संवेदनशीलता पर सवाल उठाए हैं। सोशल मीडिया के प्रभाव को देखते हुए राजनीतिक पार्टियों के लिए जरूरी हो गया है कि वे पोस्ट करते समय अधिक सतर्क रहें। केपीसीसी की माफी और बलराम का इस्तीफा पार्टी की छवि बचाने के लिए एक कदम माना जा रहा है। हालांकि, यह विवाद कांग्रेस के लिए एक चेतावनी भी है कि वह सोशल मीडिया के इस युग में अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से ले।

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