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फतेहपुर के दरियामऊ गांव में सड़क किनारे खेल रहे तीन साल के मासूम को तेज रफ्तार डंपर ने कुचल दिया। घायल बच्चे की हालत नाजुक है। आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया। पुलिस ने चालक को हिरासत में लिया है। लेकिन सवाल अब यह—कब थमेगी सड़क पर मौत?
दरियामऊ गांव में रविवार की सुबह एक दर्दनाक हादसा
Fatehpur (Uttar Pradesh): खखरेरू थाना क्षेत्र के दरियामऊ गांव में रविवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को झकझोर दिया। तीन वर्षीय मासूम शिवांश सोनकर, जो घर के बाहर सड़क किनारे खेल रहा था, तेज रफ्तार डंपर की चपेट में आ गया। हादसे के बाद पूरे गांव में कोहराम मच गया और परिजनों के साथ स्थानीय लोगों ने सड़क पर जाम लगाकर हंगामा शुरू कर दिया।
सुबह करीब 11 बजे, वीरेंद्र सोनकर का बेटा शिवांश सड़क किनारे खेल रहा था, तभी तेज रफ्तार मोरंग लदा डंपर वहां से गुजर रहा था। ड्राइवर ने नियंत्रण खो दिया और डंपर का पहिया मासूम के दोनों पैरों पर चढ़ गया। हादसा इतना भीषण था कि बच्चे की चीख सुनकर आसपास के लोग दौड़ पड़े।
परिजनों ने आनन-फानन में खखरेरू सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने उसकी हालत को गंभीर बताते हुए प्रयागराज मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जानकारी के मुताबिक, मासूम शिवांश की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।
घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर डंपर को रोककर जाम लगा दिया। लोगों का कहना था कि गांव के रास्ते से भारी वाहनों का आना-जाना बहुत आम हो चुका है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा।
मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी (सीओ) और थाना प्रभारी बच्चे लाल ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत किया। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए डंपर चालक को गिरफ्तार कर लिया, वहीं वाहन को भी थाने लाकर सीज़ कर दिया गया है। थाना प्रभारी बच्चे लाल ने बताया, “चालक को लोगों ने मौके पर पकड़ लिया था। उसके खिलाफ सख्त धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।"
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि गांव के अंदर से भारी वाहनों के आवागमन पर प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी कब तक मासूम जिंदगियों को लीलती रहेगी। शिवांश की हालत ने पूरे गांव को भावुक कर दिया है, लेकिन अब ज़रूरत है स्थायी समाधान की।