

आखिर इतनी गर्मी में भी भारतीय लोग चाय क्यों पीते है। बिना चाय के काम की शुरूआत करना मुश्किल क्यों होता है। पढ़ें पूरी खबर
50 डिग्री सेल्सियस में भी चाय
नई दिल्ली: चाय हमारे दिनचर्या का हिस्सा होता है। हर दिन सुबह उठते ही चाय पीने की इच्छा होती है। वहीं चाय पीने के बाद अलग ही एक ऊर्जा महसूस होती है।
अब ऐसे में कोई चाय से दूर कैसे रह सकता है। कितनी भी भीषण गर्मी हो लेकिन चाय पर इसका असर नहीं पड़ता। लोग चाय पीकर ही खुद को ठंडा फील करते हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक दरअसल, भारत में चाय की दीवानगी काफी है लोग जिस दिन चाय नहीं पीते हैं, उस दिन उनका किसी काम में मन लगना मुश्किल सा हो जाता है। ऐसे में ठड़ी हो या भीषण गर्मी चाय तो जरुर चाहिए होता है। चाय में अदरख और इलायची भरी खुशबू लोगों को अपने तरफ खींच लेती है। ऐसे में लोग ठंडी और गर्मी भी भूल जाते हैं, और चाय का भरपूरा आनंद लेते है।
कैसे हुई खोज
ऐसे कहा जाता है कि चाय का इतिहास 5000 साल पुराना है, जिसकी शुरुआत चीन से मानी जाती है। किंवदंती के अनुसार, चीनी सम्राट शेन नुंग ने 2737 ईसा पूर्व में गलती से चाय की खोज की थी। दरअसल, एक दिन जब वह पेड़ के निचे बैठते हुए थे , तो उस दौरान उसके उबलते पानी में कुछ पत्तियां गिर गई। इससे पानी का रंग बदल गया। ऐसे में एक अनोखी खुशबू आने लगी। जब इसे पिया तो उसका टेस्ट काफी पंसद आया।
चीन और उत्तरी म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाया
जानकारी के मुताबिक बता दें कि चाय का पौधा, कैमेलिया साइनेंसिस, मूल रूप से चीन और उत्तरी म्यांमार के सीमावर्ती क्षेत्रों में पाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व तक, चीन में चाय का उपयोग औषधीय पेय के रूप में किया जाता था। 16वीं शताब्दी में, पुर्तगाली व्यापारियों और पुजारियों के माध्यम से चाय पश्चिमी दुनिया में जानी जाने लगी। इसके बाद, 19वीं शताब्दी में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में चाय का उत्पादन शुरू किया। खैर भारत में आज भी चाय की दीवानगी लोगों में खूब देखी जाती है। यहां तक कह सकते हैं कि दिन की शुरूआत कुछ लोगों की तो चाय के साथ ही होती है।
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