

डिलीवरी के बाद कई महिलाओं को पीरियड्स देर से आने की समस्या होती है, जिसे अक्सर बीमारी या हार्मोनल गड़बड़ी समझ लिया जाता है। लेकिन सच्चाई यह है कि यह एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है, खासकर अगर महिला ब्रेस्ट फीडिंग कर रही हो। यह देरी प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन की वजह से होती है, जो दूध बनाने के साथ-साथ ओव्यूलेशन को भी प्रभावित करता है। जानिए कि यह बदलाव कितना सामान्य है, कब डॉक्टर से मिलना जरूरी है और इस दौरान प्रेग्नेंसी का क्या खतरा हो सकता है।
डिलीवरी के बाद पीरियड्स क्यों लेट होते हैं
New Delhi: प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद महिला का शरीर एक तरह से रिकवरी मोड में चला जाता है। गर्भावस्था के दौरान जो हार्मोनल बदलाव हुए थे, वो धीरे-धीरे सामान्य हो रहे होते हैं। इस दौरान शरीर में प्रोलैक्टिन नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जो दूध बनाने के लिए जिम्मेदार होता है। यही हार्मोन ओव्यूलेशन यानी अंडा बनने की प्रक्रिया को प्राकृतिक रूप से रोक देता है।
ब्रेस्ट फीडिंग और पीरियड्स का कनेक्शन
जितनी ज्यादा बार और नियमित रूप से आप ब्रेस्ट फीडिंग करती हैं, उतना ही अधिक प्रोलैक्टिन हार्मोन बनता है। इसका सीधा असर होता है ओव्यूलेशन पर, जो कि पीरियड्स आने के लिए ज़रूरी है। जब ओव्यूलेशन नहीं होगा, तो पीरियड्स भी नहीं आएंगे। यही कारण है कि ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं में पीरियड्स देर से शुरू होते हैं।
कब तक पीरियड्स नहीं आ सकते हैं?
अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्टेट्रिशियन्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट्स (ACOG) के अनुसार अगर महिला पूरी तरह से ब्रेस्ट फीडिंग कर रही है, तो पीरियड्स 6 महीने या उससे ज्यादा समय तक नहीं आ सकते। कुछ मामलों में यह देरी एक साल तक भी हो सकती है। अगर महिला फॉर्मूला मिल्क दे रही है या ब्रेस्ट फीडिंग की फ्रीक्वेंसी कम है, तो पीरियड्स जल्दी आ सकते हैं।
क्या यह स्थिति खतरनाक है?
नहीं, यह स्थिति खतरनाक नहीं है। यह शरीर की स्वाभाविक प्रतिक्रिया है। ब्रेस्ट फीडिंग से जुड़े हार्मोनल बदलावों की वजह से पीरियड्स में देरी होना स्वस्थ शरीर की निशानी भी मानी जाती है। हालांकि, यदि डिलीवरी के 1 साल बाद भी पीरियड्स नहीं आते, या अगर आपको अत्यधिक पेट दर्द, असामान्य ब्लीडिंग या अन्य लक्षण महसूस होते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
क्या इस दौरान प्रेग्नेंसी संभव है?
यह एक आम गलतफहमी है कि जब तक पीरियड्स नहीं आते, तब तक प्रेग्नेंसी संभव नहीं होती। लेकिन हकीकत यह है कि ओव्यूलेशन पीरियड्स से पहले होता है। इसका मतलब यह है कि अगर आपने यह समझकर बिना सुरक्षा के यौन संबंध बनाए कि अभी पीरियड्स नहीं आए हैं, तो आप गर्भवती हो सकती हैं। विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आप प्रेग्नेंसी नहीं चाहती हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर बर्थ कंट्रोल विकल्प अपनाएं अगर पीरियड्स नहीं आ रहे हों।
मां के लिए भी बेहतर होती ब्रेस्ट फीडिंग
• बच्चे की इम्यूनिटी मजबूत करती है
• मां के यूटेरस को सिकुड़ने में मदद करती है
• नेचुरल बर्थ स्पेसिंग का काम करती है
• मां के शरीर को रिकवर करने के लिए समय देती है
डॉक्टर से कब मिलना चाहिए?
• डिलीवरी के 1 साल बाद भी पीरियड्स नहीं आए हैं
• आपको लगातार पेट दर्द, थकान या ब्लीडिंग की शिकायत हो रही है
• आप फिर से प्रेग्नेंट होने की संभावना से चिंतित हैं
• आपको हार्मोनल असंतुलन से जुड़े अन्य लक्षण दिख रहे हैं जैसे वजन में अत्यधिक कमी या वृद्धि