

तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग पर मोदी सरकार पर हमला किया। उन्होंने कहा कि सरकार को 15 वोटों पर नहीं, बल्कि देश के गंभीर मुद्दों जैसे अमेरिका के टैरिफ, मणिपुर हिंसा और मनरेगा फंड पर ध्यान देना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन
New Delhi: तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग को लेकर चर्चा करते हुए मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार को इधर-उधर के 15 वोटों पर ध्यान देने के बजाय देश के गंभीर मुद्दों पर फोकस करना चाहिए।
डेरेक ने अमेरिका द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद बीते 15 दिन, मणिपुर में हिंसा के 862 दिन, पश्चिम बंगाल के लिए मनरेगा फंड रोके जाने के 1282 दिन, लोकसभा में उप सभापति न होने के 2278 दिन और प्रधानमंत्री द्वारा लोकसभा में सवालों का जवाब न देने के 4117 दिन गिनने चाहिए। उनके अनुसार ये मुद्दे मोदी सरकार के लिए अधिक महत्वपूर्ण हैं और इन्हीं पर जवाबदेही तय होनी चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने 15 अवैध वोटों और भाजपा उम्मीदवार को मिले समर्थन में कमी पर चिंता जताई। सावंत ने बताया कि विपक्ष का वोट प्रतिशत 26 से बढ़कर 40 हो गया है, जबकि भाजपा के वोटों में गिरावट आई है। उन्होंने इस स्थिति पर आश्चर्य जताते हुए कहा कि कैसे 15 अवैध वोट सामने आए और भाजपा को पिछली बार 528 वोट मिले थे, इस बार केवल 452 वोट क्यों मिले।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि विपक्षी दलों को क्रॉस वोटिंग की समीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने सीपी राधाकृष्णन को उनकी जीत पर बधाई देते हुए कहा कि पीएम मोदी के लिए ये एक चुनौती है। वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए कहा कि अगर क्रॉस वोटिंग सच में हुई है, तो इसे गठबंधन के सभी घटकों को मिलकर पूरी तरह जांचना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में उचित और नैदानिक जांच जरूरी है।
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उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन की उम्मीद से ज्यादा अंतर से जीत के बाद विपक्षी दलों के बयान आए हैं। भाजपा ने दावा किया कि उनके उम्मीदवार को विरोधी खेमे से भी समर्थन मिला है। यह परिणाम विपक्ष के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। विपक्ष में इस परिणाम को लेकर अंदरूनी असंतोष और सवाल उठ रहे हैं, खासकर क्रॉस वोटिंग को लेकर।