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भारत की सबसे बड़ी एयरलाइनों में से एक इंडिगो पिछले दो दिनों से गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है। क्रू की भारी कमी, नए FDTL नियम, तकनीकी खराबियों और सर्दियों के पीक ट्रैफिक के कारण 200 से ज्यादा फ्लाइटें रद्द हुई। जिससे हजारों यात्री फंस गए। एयरलाइन ने स्थिति सामान्य होने में 48 घंटे का समय मांगा है।
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New Delhi: देश की सबसे बड़ी और व्यस्त एयरलाइनों में से एक इंडिगो इन दिनों अपने सबसे गंभीर ऑपरेशनल संकट का सामना कर रही है। देश के कई प्रमुख हवाई अड्डों पर इंडिगो की 200 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गई और सैकड़ों फ्लाइटों में घंटों की देरी हुई। अचानक शुरू हुई इस अव्यवस्था से हजारों यात्री टर्मिनलों पर फंसे रहे और चेक-इन व सुरक्षा कतारों में लंबी लाइनें देखी गईं।
यात्रियों को हुई परेशानी के बीच यह सवाल उठने लगे कि आखिर ऐसा क्या हुआ जिससे देश की सबसे बड़ी एयरलाइन पूरी तरह असंतुलित हो गई। जांच और रिपोर्ट्स से सामने आया है कि इस अव्यवस्था की कई परतें हैं- सबसे प्रमुख कारण क्रू की भारी कमी, नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियम, तकनीकी खराबियां और सर्दियों में बढ़ा ट्रैफिक।
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1. क्रू की भीषण कमी
नवंबर से लागू हुए नए FDTL नियमों ने इंडिगो के लिए संकट खड़ा कर दिया। इन नियमों ने पायलटों के उड़ान भरने के घंटे घटा दिए और आराम की अवधि बढ़ा दी। इसका सीधा असर रोस्टर प्लानिंग पर पड़ा और बड़ी संख्या में ऐसे मौके आए जब निर्धारित उड़ानें इसलिए नहीं निकल पाईं क्योंकि कानूनी तौर पर पर्याप्त क्रू उपलब्ध ही नहीं था। कई रोटेशन अचानक रद्द करने पड़े क्योंकि रोस्टर में शामिल पायलट बदले हुए नियमों के तहत उड़ान के योग्य नहीं रह गए।
2. नया रोस्टर नियम बना चुनौती
भारत में लागू किए गए नए FDTL नॉर्म्स का उद्देश्य पायलट थकान कम करना और उड़ान सुरक्षा बढ़ाना है। लेकिन इंडिगो की विशाल नेटवर्क संरचना पर इस बदलाव का भारी दबाव पड़ा। एयरलाइन रोज करीब 2,200 फ्लाइटें संचालित करती है। नए नॉर्म्स के चलते ड्यूटी शेड्यूलिंग, रात की उड़ानों, लैंडिंग सीमाओं और साप्ताहिक आराम अवधि में बदलाव करना पड़ा। शेड्यूलिंग सिस्टम अभी स्थिर नहीं हुआ था और अचानक जरूरत बढ़ने पर क्रू की कमी गंभीर स्तर पर पहुंच गई।
3. तकनीकी खामियों ने बढ़ाई मुश्किल
मंगलवार को दिल्ली, पुणे समेत कई बड़े एयरपोर्ट पर चेक-इन और डिपार्चर कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी की खबर आई। इससे यात्रियों की लंबी कतारें लग गईं और उड़ानों का प्रस्थान बाधित हुआ। तकनीकी दिक्कत ने पूरे दिन देरी बढ़ाई और इसका असर क्रू व एयरक्राफ्ट की उपलब्धता पर भी पड़ा। एक उड़ान की देरी आगे की कई उड़ानों के संचालन को प्रभावित करती है, जिससे चेन पूरी तरह बिगड़ गई।
4. सर्दियों की भीड़ और मौसम का दबाव
सर्दियों में कोहरा और ट्रैफिक बढ़ने से एयरपोर्ट ऑपरेशन धीमे हो जाते हैं। पीक घंटे में अत्यधिक यात्री संख्या और व्यस्त नेटवर्क के कारण इंडिगो छोटी-मोटी देरी को भी संभाल नहीं पाई। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस गिरकर सिर्फ 35% रह गया, यानी एक ही दिन में 1,400 से ज्यादा उड़ानें तय समय से पीछे रहीं। DGCA के अनुसार नवंबर में कुल 1,232 उड़ानें रद्द हुई।
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नए नियम और उनका प्रभाव
• साप्ताहिक आराम बढ़ाया गया
• रात की लैंडिंग सीमा छह से घटकर दो
• लगातार ड्यूटी के घंटे कम
• मासिक और वार्षिक उड़ान घंटे की सख्त सीमा
क्यों इंडिगो पर ज्यादा असर?
• सबसे बड़ा नेटवर्क और उच्च फ्रिक्वेंसी
• बड़ा नाइट-ऑपरेशन मॉडल
• टाइट क्रू-यूटिलाइजेशन
• कम रीअलाइनमेंट लचीलेपन के कारण रिस्क बढ़ा
कब सामान्य होंगे हालात?
इंडिगो का कहना है कि वह ‘कैलिब्रेटेड एडजस्टमेंट’ कर रही है और अगले 48 घंटों में ऑपरेशन स्थिर होने की उम्मीद है। क्रू की पुन: तैनाती, रात के शेड्यूल में बदलाव और प्री-प्लान्ड कैंसलेशन इसका हिस्सा हैं। एयरलाइन ने यात्रियों से असुविधा के लिए माफी मांगी है।