

भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मंगलवार को बिहार के मुजफ्फरपुर पहुंचे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कार्यक्रम में मौजूद भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़
मुजफ्फरपुर: भारत के उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मंगलवार को बिहार के सदर थाना के निकट एनएन मिश्रा कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट, मुजफ्फरपुर के एल. एन. मिश्रा स्थापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर उद्योग मंत्री सह मैनेजमेंट कॉलेज के संस्थापक नीतीश मिश्रा और बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति दिनेश चंद्र राय ने अंगवस्त्र और मोमेंटो से उनका स्वागत किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस दौरान उपराष्ट्रपति ने पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय डॉ. जगन्नाथ मिश्रा को श्रद्धांजलि देते हुए उनके योगदानों को याद किया और बिहार के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की। उन्होंने कहाँ की मुजफ्फरपुर से मेरा पुराना रिश्ता रहा है। बिहार शिक्षा के क्षेत्र में बहुत आगे आया है। मैं तो बिहार को शिक्षा का हब मानता हूँ।
उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ये भी कहा कि बिहार की धरती धर्म और ज्ञान की भूमि रही है, जिसने देश को अनेक मनीषी, क्रांतिकारी और चिंतक दिए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सराहना करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने संसदीय जीवन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बिताए समय को भी याद किया और उनके संसदीय अनुभवों की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने पहली बार पहलगाम और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे मुद्दों पर भी अपनी बात रखी।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कांग्रेस शान काल में लगे आपातकाल के दौर को याद करते हुए कहा कि उस समय लोकतंत्र को दबाने का प्रयास किया गया था, लेकिन जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चली संपूर्ण क्रांति ने भारत में लोकतंत्र को नई ऊर्जा और दिशा दी।
धनखड़ ने कहा, “इस भूमि पर आकर मुझे नई ताकत और ऊर्जा की अनुभूति हो रही है। बिहार की जनता का उत्साह, ज्ञान और चेतना पूरे देश के लिए प्रेरणादायी है।” उपराष्ट्रपति ने जाने के क्रम में पौधारोपण भी किया। इस दौरान पूरा महफ़िल तालियों की गर ग्राहट से गूंज उठा।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र, शिक्षक, समाजसेवी और राजनेता उपस्थित रहे। समारोह का आयोजन भव्य और गरिमामय माहौल में संपन्न हुआ। इस दौरान सुरक्षा का पुख्ता इंतजार रहा।