

पिछले कुछ दिनों में संसद में विपक्षी दलों ने ‘एसआईआर वापस लो’ और ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ-साथ समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दलों के सांसद भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं।
SIR पर फिर बवाल (सोर्स-गूगल)
New Delhi: संसद का मानसून सत्र शुरू होते ही विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे पर कड़ा विरोध शुरू कर दिया है। पिछले चार दिनों से संसद में हंगामे के कारण कोई ठोस काम नहीं हो पाया है। विपक्षी सांसद लगातार नारेबाजी कर रहे हैं, जिसके कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी।
विपक्ष ने SIR के लिए नारे लगाए
पिछले कुछ दिनों में संसद में विपक्षी दलों ने 'SIR वापस लो' और 'तानाशाही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ-साथ समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य दलों के सांसद भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार मताधिकार छीनने की साजिश कर रही है और इस संशोधन से गरीब और आम लोगों के वोट पर बुरा असर पड़ेगा।
विपक्ष ने निकाला मार्च
विपक्ष ने संसद भवन परिसर में एक मार्च भी निकाला, जिसमें महात्मा गांधी की प्रतिमा से लेकर संसद के मकर द्वार तक विरोध जताया गया। इस दौरान बड़े बैनर लिए लोगों ने यह भी कहा कि यह संशोधन लोकतंत्र पर हमला है। कांग्रेस के राज्यसभा नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार संविधान के विरुद्ध काम कर रही है और गरीबों के वोटों को खत्म करके केवल कुछ धनिकों को सशक्त बनाना चाहती है।
संसद के मानसून सत्र में पेश किए जाने वाले विधेयक
सरकार इस सत्र में 16 विधेयक पेश करने की योजना बना रही है, जिनमें मर्चेंट शिपिंग विधेयक, भारतीय बंदरगाह विधेयक 2025, तटीय नौवहन विधेयक, राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, मणिपुर GST विधेयक, IIM संशोधन विधेयक और कराधान संशोधन विधेयक शामिल हैं। हालांकि, विपक्ष के लगातार हंगामे के कारण इन विधेयकों पर चर्चा और पारित होना फिलहाल मुश्किल लग रहा है।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) July 25, 2025
शुक्रवार को भी कार्यवाही स्थगित
शुक्रवार को भी विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के पांच मिनट बाद ही स्थगित करनी पड़ी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कारगिल विजय दिवस की वर्षगांठ का ज़िक्र करते हुए शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और सदन में एक क्षण का मौन रखा, लेकिन उसके बाद विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू कर दिया।
विपक्ष का कहना है कि लोकतंत्र का आधार मतदाता का विश्वास है और बिना व्यापक चर्चा के इस तरह के संशोधन को लागू करना लोकतंत्र को कमज़ोर करना है। वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस मुद्दे पर संसद में खुली बहस हो और सभी दलों की सहमति से ही कोई फ़ैसला लिया जाए।
SIR क्या है?
SIR का पूरा नाम विशेष गहन संशोधन है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत मतदाता सूची का व्यापक और गहन संशोधन किया जाता है। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन करना, फ़र्ज़ी मतदाताओं को हटाना और सही व वैध मतदाताओं को सूची में बनाए रखना है।
SIR के अंतर्गत क्या होता है?