हिंदी
सुप्रीम कोर्ट में आज उन्नाव रेप केस की सुनवाई जारी है। सीबीआई की याचिका पर फैसला दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। अदालत का फैसला केस की जांच और आगे की कार्रवाई पर निर्णायक प्रभाव डाल सकता है।
उन्नाव रेप केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सीपीआई(एम) नेता बृंदा करात ने कहा कि कोर्ट के आदेश से पीड़ित को राहत मिली है। उन्होंने कहा, “यह निराशाजनक है कि भाजपा नेता और उनके समर्थक पहले दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश का जश्न मना रहे थे और आज भी सेंगर का समर्थन कर रहे हैं। उम्मीद है कि वे स्थिति की गंभीरता को समझेंगे और सबक सीखेंगे।” उनका मानना है कि न्याय की प्रक्रिया को सभी को गंभीरता से लेना चाहिए।
पीड़िता ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बेहद खुश हैं। उन्होंने कहा, “मैं इस लड़ाई को जारी रखूंगी, तभी हमारे परिवार को न्याय मिलेगा। सेंगर को मृत्युदंड दिया जाएगा।” उनका मानना है कि न्याय के लिए संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है।
पीड़ित की मां ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करती हैं। उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने मेरे पति की हत्या की है, उन सभी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। मेरे बच्चे अनाथ हो गए हैं और न्याय मिलने तक हमारा दर्द कम नहीं होगा।”
Unnao case: पीड़िता के वकील की ज़ुबानी कोर्ट की असली कहानी#UnnaoCase #VictimLawyer #SupremeCourt #CourtStory #IndianJudiciary #UnnaoNews pic.twitter.com/nOtQEvYo5y
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 29, 2025
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि पूरा देश उन्नाव रेप मामले की पीड़िता के साथ खड़ा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पीड़िता राहुल गांधी से नहीं मिली होती, तो अत्याचार जारी रहता।
उन्नाव रेप मामले की पीड़िता की ओर से वकील महमूद प्राचा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उन्हें थोड़ी राहत मिली है, लेकिन इसे जीत नहीं कहा जा सकता। उन्होंने बताया कि सीबीआई ने केवल सीमित बिंदुओं पर अपना पक्ष रखा और उनके सबसे मजबूत तर्क सामने नहीं आए। पीड़िता के पक्ष में इतना सबूत मौजूद है कि कोई भी अदालत उसके समर्थन में फैसला दे सकती है। प्राचा ने कहा कि अदालत ने मामले के मुख्य गुण-दोष पर उनकी बात नहीं सुनी और सीबीआई ने उन्हें पक्षकार भी नहीं बनाया।
कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से उम्मीद की किरण दिखी। उन्होंने जोर देकर कहा कि बच्ची को न्याय मिले और हर बलात्कारी को कड़ी सजा, यहां तक कि फांसी मिलनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई और कुलदीप सेंगर को किसी भी हालत में जेल से रिहा नहीं किया।
Unnao Case SC Hearing: सुप्रीम कोर्ट से कुलदीप सेंगर को कैसे लगा बड़ा झटका....? Inside Story
#KuldeepSenger #UnnaoRapeCase #SupremeCourt #DynamiteNews pic.twitter.com/9q5gWEE3Ct
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 29, 2025
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महिला कार्यकर्ता योगिता भैयाना ने कहा, “सत्यमेव जयते। हमें इस आदेश की उम्मीद थी।” उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले के प्रति संवेदनशीलता दिखाई और यह न्याय की मूल भावना को दर्शाता है। भैयाना ने कहा कि यह कदम देश की बेटियों को संदेश देगा कि अगर उन्हें अन्याय का सामना करना पड़े, तो उन्हें न्याय मिलेगा। उनका मानना है कि इस प्रकार के आदेश से समाज में महिलाओं की सुरक्षा और अधिकारों की भावना मजबूत होगी।
पीड़ित पक्ष के वकील हेमंत कुमार मौर्य ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों को सख्त निर्देश दिया है कि आरोपी कुलदीप सेंगर को किसी भी हालत में जेल से रिहा नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने राहत देने वाले आदेश पर रोक लगा दी है। विपक्ष को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए समय दिया गया है और तब तक आरोपी को जेल में ही रखा जाएगा। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट का है और हाई कोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगाई गई है। पीड़ित पक्ष ने इसे न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप सेंगर के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के 23 दिसंबर 2025 के आदेश पर रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि मामले में महत्वपूर्ण कानूनी सवालों पर विस्तार से विचार जरूरी है। आमतौर पर, अगर कोई दोषी या विचाराधीन कैदी रिहा हो चुका हो, तो बिना सुनवाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई जाती। लेकिन इस मामले में परिस्थितियां अलग हैं, क्योंकि आरोपी पहले से किसी अन्य मामले में दोषी ठहराया जा चुका है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह एक बच्ची के साथ हुए बलात्कार का भयावह मामला है। आरोप भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और POCSO अधिनियम की धाराएं 5 व 6 के तहत तय किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव केस में कुलदीप सेंगर के खिलाफ अहम आदेश पारित किया, जिससे उनकी स्थिति और कमजोर हुई।
Unnao Case SC Hearing: सुप्रीम कोर्ट से कुलदीप सेंगर को बड़ा झटका #KuldeepSenger #UnnaoRapeCase #SupremeCourt #SengerBail #reel pic.twitter.com/95DzYjqGGn
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 29, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर प्रारंभिक रोक लगा दी है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सामान्यत: अगर कोई व्यक्ति बाहर आ चुका हो, तो अदालत उसकी स्वतंत्रता वापस नहीं लेती, लेकिन यहां स्थिति विशेष है क्योंकि वह आरोपी पहले से किसी अन्य मामले में जेल में बंद है। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए फिलहाल आदेश पर रोक लगाई है और आगे की सुनवाई के लिए तारीख तय की है।
सुप्रीम कोर्ट में उन्नाव रेप केस की सुनवाई के दौरान CJI के सवाल पर सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पैनेट्रेटिव सेक्सुअल असॉल्ट अपने आप में एक स्वतंत्र अपराध है और अब धारा 4 इसके लिए सजा का प्रावधान करती है। संशोधन के बाद कुछ परिस्थितियों में यह अपराध ‘गंभीर’ (एग्रेवेटेड) माना जाता है, खासकर तब जब अपराधी पीड़ित पर प्रभुत्व या प्रभावशाली स्थिति में हो।
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट आज सोमवार को दो अहम मामलों की सुनवाई करने वाला है। प्रमुख मामला उन्नाव रेप केस से जुड़ा है, जिसमें सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। अदालत में सुनवाई के दौरान यह तय होगा कि क्या मामले की जांच या कोर्ट के आदेशों में कोई बदलाव किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सुनवाई का असर उन्नाव केस की प्रक्रिया और आगे की कार्यवाही पर पड़ सकता है। यह सुनवाई न्यायिक प्रक्रिया और पीड़ित पक्ष के लिए भी संवेदनशील मानी जा रही है।