सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला, कहा- ऐसे कैदियों को सभी जेलों से तत्काल रिहा करो, जानें पूरा मामला

यह आदेश नीतीश कटारा हत्याकांड के दोषी सुखदेव यादव की रिहाई के संदर्भ में दिया गया। जिसने अपनी 20 साल की सजा मार्च 2025 में पूरी कर ली थी।

Post Published By: Mayank Tawer
Updated : 12 August 2025, 3:40 PM IST
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New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। यह फैसला किसी मानवीय आदेश से कम नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जिन कैदियों ने अपनी पूरी सजा काट ली है या किसी अन्य मामले में वांछित नहीं हैं। उन्हें तुरंत जेल से रिहा किया जाए।

इस वजह से उठा मुद्दा

शीर्ष अदालत ने यह फैसला वर्ष 2002 के चर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी सुखदेव यादव उर्फ पहलवान की रिहाई के आदेश के दौरान दिया। दरअसल, सुखदेव यादव ने बिना किसी छूट या रियायत के 20 वर्ष की सजा पूरी कर ली थी, लेकिन इसके बावजूद वह अभी तक जेल में था।

कोर्ट ने आगे क्या कहा?

जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा, "9 मार्च 2025 को जब अपीलकर्ता ने पूरी सजा पूरी कर ली थी। उसके अगले दिन यानी 10 मार्च को ही उसे रिहा कर दिया जाना चाहिए था।" अदालत ने इस मामले में देरी को "न्यायिक लापरवाही" की संज्ञा देते हुए कहा कि देशभर की जेलों में ऐसे कई मामले हो सकते हैं, जहां सजा पूरी हो जाने के बावजूद कैदी बिना किसी वैधानिक कारण के बंद हैं।

सभी राज्यों के गृह सचिवों को आदेश

अदालत ने अपने आदेश की एक प्रति सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों को भेजने का निर्देश दिया है। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी व्यक्ति सजा पूरी होने के बाद अनावश्यक रूप से हिरासत में न रहे। यदि ऐसा कोई मामला पाया जाए तो तत्काल रिहाई सुनिश्चित की जाए।

विधिक सेवा प्राधिकरण को भी सक्रिय करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) को भी भेजने का निर्देश दिया। जिससे इसकी प्रति राज्य और जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को भेजी जा सके। इन संस्थानों को स्थानीय स्तर पर सत्यापन करना होगा कि कहीं कोई कैदी अनुचित रूप से अधिक समय तक जेल में तो नहीं है।

नीतीश कटारा हत्याकांड क्या था?

यह निर्देश उस समय आया जब कोर्ट ने सुखदेव यादव की याचिका पर सुनवाई की, जिसने दिल्ली हाई कोर्ट के नवंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने उसे केवल तीन सप्ताह की फर्लो (छुट्टी) देने की याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि सुखदेव यादव को 20 साल की सजा मिली थी। उसने पूरी सजा बिना किसी छूट या पैरोल के काट ली। इसके बावजूद उसे समय से रिहा नहीं किया गया।

डीपी यादव की बेटी का हुआ था मर्डर

वर्ष 2002 में उत्तर प्रदेश के राजनेता डीपी यादव की बेटी भारती यादव के साथ प्रेम संबंधों के चलते नीतीश कटारा का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी। इस मामले में भारती के भाई विशाल यादव और चचेरे भाई विकास यादव को 25 वर्ष की सजा हुई थी, जबकि सह-दोषी सुखदेव यादव को 20 साल की सजा सुनाई गई थी।

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  • 12 August 2025, 3:40 PM IST