भारत की हवाई ताकत में क्रांतिकारी बदलाव: तेजस MK-1A और AMCA बनेंगे पाकिस्तान-चीन के लिए जवाब, जानें खासियत

भारतीय वायुसेना इस वक्त दोहरी चुनौती से जूझ रही है- एक तरफ पुराने मिग-21 रिटायर हो रहे हैं, दूसरी तरफ पाकिस्तान और चीन के पास 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान हैं। ऐसे में तेजस MK-1A और भविष्य का AMCA भारत के हवाई सुरक्षा कवच को मजबूत करने वाले हैं। इस रिपोर्ट में जानिए कैसे तेजस भारतीय वायुसेना का भविष्य बन रहा…

Post Published By: Asmita Patel
Updated : 17 August 2025, 5:03 PM IST
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New Delhi: भारत की सुरक्षा के लिए वायुसेना की भूमिका सबसे अहम है, लेकिन वर्तमान में वायुसेना मिग-21 जैसे पुराने विमान से छुटकारा पा रही है। ऐसे में एयरफोर्स को कम से कम 100 से ज्यादा 4.5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स की जरूरत है।

चिंता की बात

• चीन के पास पहले से ही 5वीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स हैं (जैसे J-20)।
• अब पाकिस्तान भी चीन से 5वीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर खरीदने की तैयारी में है।
• ऐसे में भारत के पास इनका जवाब देना ज़रूरी है।

तेजस MK-1A और AMCA

भारत लंबे समय से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम कर रहा है। मिसाइलों में सफलता के बाद अब बारी है फाइटर जेट्स की। भारत दो प्रमुख प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है।

1. तेजस MK-1A- हल्का मल्टीरोल लड़ाकू विमान
2. AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft)- भारत का 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर

तेजस MK-1A: सिर्फ मिग-21 का विकल्प नहीं

तेजस को अक्सर मिग-21 का रिप्लेसमेंट कहा जाता है, लेकिन यह उससे कहीं अधिक है। यह आने वाले 30 वर्षों तक भारतीय वायुसेना की रीढ़ बन सकता है।

तेजस के फायदे

• हल्का और फुर्तीला
• मल्टीरोल क्षमता (डॉगफाइट, स्ट्राइक, इंटरसेप्शन)
• पूरी तरह स्वदेशी टेक्नोलॉजी
• भारतीय मौसम और युद्ध क्षेत्र के अनुसार तैयार

AESA रडार और स्टेल्थ टेक्नोलॉजी: क्यों है ये खास?

तेजस MK-1A में AESA रडार लगा है जो 150–160 किमी दूर तक लक्ष्य को ट्रैक कर सकता है। इसकी स्टेल्थ टेक्नोलॉजी इसे रडार से छिपने में सक्षम बनाती है।

तुलना

• तेजस का रडार सेक्शन चीन के J-10C और पाकिस्तान के JF-17 से बेहतर है।
• यह टेक्नोलॉजी इसे F-16 और Su-30 जैसे विमानों के बराबर लाती है, और कई मामलों में उनसे भी आगे।

कहां तैनात होगा तेजस?

भारतीय वायुसेना ने तेजस को तीन संवेदनशील और भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में तैनात करने की योजना बनाई है।
1. नल (राजस्थान)- रेगिस्तानी इलाका
2. नलिया (गुजरात)- तटीय इलाका
3. लद्दाख- ऊंचाई और पहाड़ी इलाका
इससे साबित होता है कि तेजस सिर्फ ट्रायल के लिए नहीं, बल्कि एक्टिव फाइटर रोल के लिए पूरी तरह तैयार है।

हथियार प्रणाली और मारक क्षमता

तेजस को एक फुल स्केल मल्टीरोल फाइटर प्लेटफॉर्म के रूप में डिजाइन किया गया है, जिसमें उन्नत हथियार प्रणाली शामिल हैं।

विशेषताएं

• पेलोड क्षमता: 3,500 किलोग्राम
• अधिकतम गति: Mach 1.6
• ब्रह्मोस-NG मिसाइल का इंटीग्रेशन: स्ट्राइक रेंज बढ़कर 160 किमी+
• डॉगफाइट क्षमता: दुनिया के किसी भी हल्के फाइटर से बेहतर

AMCA: भारत की 5वीं पीढ़ी की तैयारी

तेजस के साथ-साथ भारत AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) पर भी काम कर रहा है। यह 5वीं पीढ़ी का स्टेल्थ फाइटर होगा जो चीन के J-20 और अमेरिका के F-35 का जवाब होगा।

AMCA की कुछ अनुमानित क्षमताएं

• स्टेल्थ टेक्नोलॉजी
• सुपरसोनिक क्रूज
• एआई-बेस्ड सिस्टम
• इंडिजेनस इंजन (भविष्य में)

स्वदेशी रक्षा निर्माण की दिशा में मजबूत कदम

तेजस और AMCA भारत के रक्षा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे। सरकार ने Make in India अभियान के तहत HAL, DRDO, ADA जैसी एजेंसियों को तकनीकी और फाइनेंशियल सपोर्ट भी मुहैया कराया है।

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