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नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ ED की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि PMLA के तहत कार्रवाई संभव नहीं है। फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने BJP पर राजनीतिक बदले की कार्रवाई का आरोप लगाया।
खड़गे का BJP पर तीखा हमला (Img Source: google)
New Delhi: नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और सोनिया गांधी के खिलाफ दाखिल की गई ED की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि इस मामले में चार्जशीट स्वीकार करना कानूनी रूप से संभव नहीं है और गांधी परिवार को समन जारी करना भी उचित नहीं होगा।
यह आदेश विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने सुनाया। कोर्ट ने कहा कि ED की शिकायत प्रक्रिया से जुड़ी कई कानूनी कमियों से भरी हुई है और यह मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के दायरे में नहीं आती।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ED की शिकायत एकतरफा है और किसी वैध प्राथमिकी (FIR) पर आधारित नहीं है। PMLA के तहत किसी भी मामले में कार्रवाई के लिए ‘शेड्यूल्ड ऑफेंस’ का होना अनिवार्य है, जो इस केस में स्पष्ट रूप से सामने नहीं आता।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने प्रेस वार्ता में कहा कि राहुल गांधी पर ED द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। उन्होंने इसे राजनीतिक द्वेष से प्रेरित कार्रवाई बताया और एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।@DrAMSinghvi @kharge #AbhishekManuSinghvi… pic.twitter.com/MhmIW8Wqej
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 17, 2025
जज ने यह भी कहा कि केवल आरोपों के आधार पर चार्जशीट पर संज्ञान लेना कानून के खिलाफ होगा। इसी वजह से कोर्ट ने राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य आरोपियों को समन जारी करने से भी इनकार कर दिया।
कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग तक कर डाली।
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— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) December 17, 2025
खड़गे ने कहा, 'यह मामला पूरी तरह राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित है। नेशनल हेराल्ड अखबार की स्थापना 1938 में स्वतंत्रता सेनानियों ने की थी। BJP सरकार ने इस ऐतिहासिक अखबार को बदनाम करने के लिए झूठे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए।'
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल विपक्षी नेताओं को डराने और दबाने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा कि यह फैसला इस बात का प्रमाण है कि सच्चाई को एजेंसियों के जरिए दबाया नहीं जा सकता।
खड़गे ने कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि न्यायपालिका ने एक बार फिर यह दिखा दिया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है।
नेशनल हेराल्ड केस एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़ा है, जो नेशनल हेराल्ड अखबार का प्रकाशन करती है। ED ने इसमें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगाए थे, जिन्हें कांग्रेस लगातार राजनीतिक साजिश बताती रही है।
अब कोर्ट के इस फैसले के बाद ED की कार्रवाई पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं और यह मामला राजनीतिक गलियारों में नई बहस का कारण बन गया है।