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संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है और यह 19 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के दौरान कुल 15 बैठकें होंगी। पहले दिन से ही हंगामेदार परिस्थितियों की संभावना जताई जा रही है। नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नई एफआईआर को लेकर कांग्रेस नाराज है।
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू
New Delhi: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो गया है और यह 19 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के दौरान कुल 15 बैठकें होंगी। पहले दिन से ही हंगामेदार परिस्थितियों की संभावना जताई जा रही है। नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ नई एफआईआर को लेकर कांग्रेस नाराज है। इसके अलावा देश में चल रही एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) प्रक्रिया को लेकर भी संसद में घमासान होने की उम्मीद है।
विपक्ष ने एसआईआर प्रक्रिया के खिलाफ संसद में सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस, टीएमसी, समाजवादी पार्टी और DMK ने वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर सत्र में चर्चा कराने का अनुरोध किया है। कांग्रेस की पार्लियामेंट्री स्ट्रेटजी ग्रुप की बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने सांसदों से इस मुद्दे को सदन में उठाने का निर्देश दिया। राहुल गांधी ने बीएलओ की आत्महत्या, पिछड़े, दलित और वंचित वोटरों को लिस्ट से हटाए जाने को गंभीर मुद्दा बताया। इसके अलावा दिल्ली में आतंकी हमला और वायु प्रदूषण को भी विपक्ष प्रमुखता से उठाएगा।
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सरकार इस सत्र में 14 विधेयकों के जरिए सुधार के एजेंडे को आगे बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इन बिलों में दिवाला कानून, बीमा कानून, सिक्योरिटीज मार्केट, कॉर्पोरेट कानून, राष्ट्रीय राजमार्ग, उच्च शिक्षा आयोग, एटॉमिक एनर्जी, जीएसटी और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े सेस बिल शामिल हैं। सरकार का कहना है कि संसद की कार्यवाही सुचारू रूप से चलनी चाहिए और सभी गतिरोध टालने के लिए विपक्ष के साथ बातचीत जारी रहेगी।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एसआईआर मुद्दा संसद में चर्चा के लिए नहीं उठाया जा सकता। उनका कहना है कि वोटर रोल में बदलाव चुनाव आयोग का रूटीन प्रक्रिया है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार किया जा रहा है। इसके बावजूद विपक्ष के जोरदार विरोध और चर्चा की मांग के चलते सत्र टकरावपूर्ण होने की संभावना रखता है।
सत्र में वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर प्रस्तावित चर्चा, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति, किसानों की स्थिति, महंगाई, बेरोजगारी और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण जैसी समस्याओं पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। विपक्ष और सरकार के बीच विचारों की टकराहट सत्र की मुख्य विशेषता होगी। इस तरह, शीतकालीन सत्र में विपक्ष और सरकार के बीच राजनीतिक संघर्ष, विधेयकों की चर्चा और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर बहस जारी रहेगी।